आपने दादी-नानी माँ से अक्सर यह बातें सुनी होगी कि सुबह की लार यानी बांसी थूक (Saliva) स्किन और सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होती है ।
मुंह में बनने वाली लार हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है मगर इस बात से हम अज्ञान है लेकिन अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो मुंह का स्वाद खराब हो जाता है और कई बीमारियों के संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।
आइए जानते है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाए रखने में लार कैसे मददगार है-
दांतों की करती है रक्षा-
लार में सोडियन, पोटैशियम, फॉस्फेट, कैल्शियम, प्रोटीन, ग्लूकोज जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो दांतों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरुरी होते हैं। इसमें उपस्थित एंटीबॉडीज दांतों को हानिकारक संक्रमणों से बचाती हैं जिससे दांतों में सड़न नहीं होती। यह दांतों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है।
पाचन में लाभकारी-
मुंह की लार भोजन के कणों को तोड़ने में मदद करती है जिससे खाने को पचाने में आसानी हो जाती है। अगर शरीर में लार की कमी हो जाए तो भोजन को निगल पाना मुश्किल हो जाता है और पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
चोट को सही करने में कारगर-
डच शोधकर्ताओं के अनुसार लार की मदद से किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग या चोट की रिकवरी आसानी से हो सकती है। यह मुंह में होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में कारगर होती है और चोट वाले भाग को संक्रमण से बचाती है और इसका इस्तेमाल चोट लगे हुए हिस्से की सफाई में भी किया जा सकता हैं।
सांसों की बदबू पर रोक-
मुंह में लार कम बनने से भी सांसों से बदबू की समस्या शुरु हो सकती है। मुंह में रह गए भोजन के कण और बैक्टीरिया के कारण कई बार इन्फेक्शन पैदा हो जाता हैं जिससे मुंह से बदबू आने लगती है। लार इन कणों और बैक्टीरिया को खत्म करने में मददगार होती है।
एंटी एजिंग–
लार में ‘सलाइवा पैरोटिड ग्लैंड हार्मोन’ (एसपीजीएच) मौजूद होता है जो त्वचा से उम्र के प्रभावों को कम करता है और आप लंबे समय तक जवान दिख सकते हैं।
मसूड़े और गले के लिए जरुरी-
लार में लाइसोजाइम नामक एंटीबैक्टीरियल तत्व और इम्यून प्रोटीन ए पाया जाता हैं जो मसूड़े और गले को कई हनिकारक संक्रमणों से बचाता हैं।
मुंह साफ रखने में मददगार–
हर स्वस्थ व्यक्ति के मुंह में रोजाना 1000 से 1500 मिलीलटर लार बनती है जो मुंह में मौजूद कैविटी, हानिकारक बैक्टीरिया और बारीक भोजन के कणों को साफ करने में मददगार होती है।
सेहत का राज बताती है लार-
जब किसी शारीरिक समस्या का पता लगाना होता है तो ब्लड टेस्ट किया जाता है, उसी प्रकार लार के टेस्ट से भी सेहत का हाल पता चल जाता है। एचआईवी के इलाज में लार के टेस्ट का बहुत महत्व होता है। अब वैज्ञानिक डायबिटीज, दिल के रोग और कैंसर जैसे रोगों का लार से परीक्षण करने की कोशिश में लगे हैं।