बकरियों की एक खास ब्रीड है सिरोही. इस नस्ल का नाम राजस्थान प्रदेश के सिरोही जिले पर पड़ा है. इसका पालन बिजनेस के हिसाब से काफी फायदेमंद होता है. यह दिखने में सुंदर और चितकबरी हिरण की तरह होती है. इस नस्ल की बकरी का पालन राजस्थान के अजमेर और जयुपर में होता है वहीं उत्तर प्रदेश में भी इसे पाला जाता है. तो आइए जानते हैं बकरी की खास नस्ल के बारे में-
दूध उत्पादन
वैसे तो सिरोही को मीट के कारोबार के लिए विशेष रूप से पाला जाता है. दरअसल, यह नस्ल तेजी से बढ़ती है इसलिए इसे जल्द से बेचा जा सकता है. वहीं यह दूध भी अच्छी मात्रा में देती है. गांव, कस्बों के अलावा इसका पालन शहर में भी आसानी से किया जा सकता है. यह एक से डेढ़ लीटर दूध प्रतिदिन देती है.
मांस के लिए उपयोगी
बकरी की यह नस्ल गर्म मौसम को भी झेल लेती और तेजी से ग्रोथ करती है. वहीं सात-आठ महीनों में यह 30 किलो वजनी हो जाती है. एक साल के बाद सिरोही बकरा 100 किलो वजन का हो जाती है. इस वजह से इससे मीट का अच्छा उत्पादन हो जाता है. सिरोही नस्ल की बकरियां सालभर में दो तीन बच्चे जन्म देती हैं. इसकी खासियत यह है कि यदि चराने की जगह नहीं है तो इसे आप अनाज खिलाकर ही पाल सकते हैं.
कहां से खरीदे
सिरोही ब्रीड को राजस्थान के स्थानीय बाजार से आसानी खरीदा जा सकता है. इसके नर छोटे बच्चे की यदि ठीक से देखभाल कर ली जाती है तो यह सालभर में 100 किलो वजनी हो जाता है. जिसे आप बाजार में आसानी से बेच सकते हैं.