बाजारों में बिक रही पानी की बोतलों के लिए नया नियम बनाया गया है। अब ऐसी पानी की बोतलें नहीं बेची जा सकेंगी जिन पर BIS मार्क नहीं होगा। Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) ने इसके लिए नए रूल बना दिए हैं। जो भी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां पैकेज्ड पानी या मिनरल पानी (packaged drinking water and mineral water) बेचने वाली सभी कमापनियों को FSSAI लाइसेंस से पहले BIS लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। बता दें ये आदेश 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा।
FSSI एक्ट 2006 के सेक्शन 31 के अनुसार भारत में किसी भी फूड बिजनेस को शुरू करने से पहले फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है। इसमें अब नया नियम जोड़ दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति पैकेज्ड पीने का पानी, मिनरल पानी की मैन्यूफैक्चरिंग, बिक्री या बिक्री के लिए प्रदर्शनी नहीं कर सकता, यदि उसमें BIS मार्क (Bureau of Indian Standards) नहीं है।
इन मैन्यूफैक्चरर्स को यदि व्यापार के लिए FSSAI से सर्टिफिकेट चाहिए तो सबसे पहले उन्हें BIS सर्टिफिकेट लेना होगा। FSSAI के अनुसार सभी फूड कारोबार ऑपरेटर्स, जो पैकेज्ड पीने के पानी और मिनरल पानी के लिए नए लाइसेंस के लिए उन्हें अप्लाई करना पड़ेगा। सबसे पहले उन्हें अनिवार्य रूप से BIS लाइसेंस की कॉपी या फिर FoSCoS के ऑनलाइन सिस्टम पर उस पत्र की कॉपी को पेश करनी पड़ेगी जिसमें BIS लाइसेंस एप्लीकेशन की रिकॉर्डिंग की बात की गई हो।
FSSAI के अनुसार कई पैकेज्ड पानी बनाने वाली कंपनियां FSSAI के साथ जुड़ी हैं और काम कर रही हैं, मगर बिना BIS सर्टिफिकेशन मार्क के साथ। FSSAI के मुताबिक अबसे BIS लाइसेंस या एप्लीकेशन को FSSAI का लाइसेंस हासिल करने से पहले दिखाना होगा। पहले BIS लाइसेंस दिखाने के बाद ही FSSAI लाइसेंस बन पाएगा।
केवल यही नहीं लाइसेंस की रीन्यूअल के लिए भी BIS लाइसेंस अनिवार्य होगा, बिना BIS लाइसेंस दिखाए कंपनियों का लाइसेंस भी रीन्यू नहीं हो सकेगा। BIS लाइसेंस मिलने के बाद ही फूड बिजनेस ऑपरेटर्स ऑनलाइन सालाना रिटर्न भर सकेंगे।