मनीष गुप्ता हत्याकांड से जुड़ी पुलिसिया लापरवाही की एक जांच पूरी हो गई है। आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में लापरवाही और अनुशासनहीनता के साथ भीषण बर्बरता सामने आई है। ज्ञात हो कि पुलिस पिटाई से मौत और हत्या के केस के मामले की एसआईटी की जांच अभी जारी है। पुलिस कर्मियों के निलम्बन को लेकर पूरी हुई जांच के बाद अब उनकी बर्खास्तगी की फाइल भी तैयार कराई जा सकती है। बर्खास्तगी की फाइल तैयार कराने का मतलब सेवा समाप्ति से होगा। दूसरी तरफ एसआईटी की जांच पर भी पुलिस अधिकारियों की नजर है। पुलिस को उम्मीद है कि इस जांच से आरोपी पुलिस वालों पर और शिकंजा कसेगा। होटल में चेकिंग के दौरान हुई बर्बर पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत के मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर रहे जेएन सिंह, चैकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, एसआई विजय यादव, एसआई राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार की लापरवाही सामने आने पर उन्हें निलम्बित कर दिया था।
उन्होंने मनीष हत्याकांड मामले की विभागीय जांच एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी को सौंपी थी। वहीं मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर पर 28 सितम्बर की देर रात इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चैकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और एसआई विजय यादव तथा तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। मीनाक्षी गुप्ता की मांग पर मुख्यमंत्री ने एसआईटी कानपुर को हत्या की जांच सौंपी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की भी सिफारिश की थी। सीबीआई जांच अभी शुरू नहीं हुई है। इस बीच पिछले शनिवार से ही एसआईटी कानपुर अपनी जांच के लिए गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। एसआईटी ने होटल कमरे का निरीक्षण करने के साथ ही अब तक 30 लोगों का बयान भी दर्ज कर लिया है।
एसपी नार्थ ने सौंपी रिपोर्ट
एसआईटी की रिपोर्ट आनी बाकी है। निलम्बन को लेकर हुई जांच में एसपी नार्थ ने अपनी रिपोर्ट गोरखपुर एसएसपी को दे दी है। उन्होंने इस पूरी घटना में पुलिस कर्मियों की कदम-कदम पर लापरवाही और अनुशासनहीनता पाई है। होटल में चेकिंग के तरीके से लेकर घायल को अस्पताल ले जाने तक हर जगह उन्हें कमिया मिली है। एसपी नार्थ ने विभागीय जांच के दौरान आरोपित पुलिसवालों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भी भेजा था लेकिन कोई सामने नहीं आया। पीड़ित पक्ष के तरफ से सामने आए बयान के आधार पर उन्होंने अपनी कार्रवाई पूरी कर ली है। माना जा रहा है कि विभागीय जांच के बाद कार्रवाई होना तय है।