अभी तो खरमास चल रहे हैं मगर मकर संक्रांति के साथ ही 14 जनवरी से खरमास समाप्त हो जाएगा। हमेशा खरमास के समाप्त हो जाने के बाद मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है, मगर इस बार मांगलिक कार्यों के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी, मगर इसके बाद भी शुभ कार्य और विवाह नहीं किए जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु प्रसाद भट्ट ने बताया कि गुरु और शुक्र के अस्त होने के चलते इस बार शादी के मुहूर्तों के लिए काफी इंतजार करना होगा।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार जनवरी, फरवरी और मार्च में विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। जबकि, अप्रैल में भी 22 दिन बाद शादी के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। 16 जनवरी से गुरु तारा पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा। उसके बाद इसका उदय 14 फरवरी को होगा। 9 फरवरी से शुक्र भी अस्त हो जाएगा। फिर इसका उदय 18 अप्रैल को होगा। ऐसी मान्यता है कि जब गुरु और शुक्र दोनों उदित होते हैं तभी शादी के मुहूर्त निकलता है। यदि इनमें से एक भी अस्त है तो शादी के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
ज्योतिषाचार्य डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि जब सूर्य एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। इन राशियों की संख्या 12 हैं, मगर इनमें मेष, मकर, कर्क, तुला जैसी चार राशियां प्रमुख हैं। जिस समय सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि हिन्दू धर्म धर्म में इस दिन काफी पुण्यदायी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया जाने वाला दान कई गुना अधिक फलदायी होता है।