हाइंज (Heinz Ketchup) ने टमाटरों के जरिए नया ‘मार्स एडिशन’ (Mars) वाला कैचअप तैयार किया है. इसका कहना है कि इस कैचअप का स्वाद नॉर्मल वर्जन से अलग है. हाइंज ने मार्स वर्जन कैचअप की बोतल को अंतरिक्ष में भी भेजा, जहां ये बोतल -94 डिग्री के तापमान पर रही. इसके बाद ये वापस धरती पर लौटी. अमेरिकी फूड कंपनी हाइंज (Heinz) ने अपने फेमस कैचअप (Heinz Ketchup) के एक वर्जन को मंगल ग्रह (Mars) जैसी मिट्टी में उगे टमाटरों (Tomatos) से तैयार किया है. ये मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने के प्रयासों के तहत किया गया है. पृथ्वी पर मिलने वाली मिट्टी से उलट मंगल ग्रह की मिट्टी फसलों के लिए अधिक कठोर होती है.
मंगल ग्रह की मिट्टी को मार्टियन रेजोलिथ के रूप में जाना जाता है. मंगल ग्रह की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मौजूदगी नहीं है. इसके अलावा मंगल ग्रह पर सूर्य की रोशनी भी कम पहुंचती है. इस वजह से टमाटरों को उगाने वाली टीम ने इन्हें उगाने के लिए नई तकनीकों को खोजा. एक दिन मंगल ग्रह पर इंसानों को खुद की फसल उगानी होगी. ऐसे में इस दिशा में काम करने वाली टीम ने मंगल ग्रह जैसी ग्रीनहाउस वाले वातावरण को बनाया और मंगल ग्रह की जैसी मिट्टी का इस्तेमाल किया. उन्होंने इनकी मदद से टमाटर उगाए और फिर हाइंज ने उन्हें कैचअप में बदल दिया.
इन टमाटरों को तैयार करने वाली टीम का कहना है कि पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन की वजह से फसलों को उगाना कठिन हो रहा है. ऐसे में इस तरीके से पृथ्वी पर भी फसल उगाई जा सकती है. NASA के पूर्व एस्ट्रोनोट माइक मासिमिनो ने बताया कि घर से बहुत दूर होने पर एक परिचित स्वाद होना सबकी भलाई और मनोबल के लिए जरूरी है. हाइंज ने टमाटरों के जरिए नया ‘मार्स एडिशन’ वाला कैचअप तैयार किया है. इसका कहना है कि इस कैचअप का स्वाद नॉर्मल वर्जन से अलग है. हाइंज ने मार्स वर्जन कैचअप की बोतल को अंतरिक्ष में भी भेजा, जहां ये बोतल -94 डिग्री के तापमान पर रही. इसके बाद ये वापस धरती पर लौटी. हाइंज में टोमैटो मास्टर्स ने ये पता लगाने के लिए मिशन की शुरुआत की कि क्या मंगल ग्रह पर भविष्य में जाने वाले लोग ग्रह की मिट्टी में टमाटर उगाकर कैचअप बना सकते हैं या नहीं. इसके लिए बेहतरीन बीजों को लिया गया और फसलों को उगाने के लिए विश्व स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल किया गया.