मंकीपॉक्स (monkeypox) को लेकर पूरी दुनिया में चिंता है. आमतौर पर मंकीपॉक्स के वायरस (virus) पहले पशु से मनुष्य में आते हैं लेकिन एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को संक्रमित कर सकता है. यही वह डर है जिसके कारण दुनिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों (health experts) को चिंता है. दुनिया भर में हुए ज्यादातर रिसर्च (Research) में एक इनसान से दूसरे इनसान में मंकीपॉक्स के वायरस संक्रमित होने के प्रमुख वजह सामने आ रही है, वह चौंकाने वाला है.
कई रिसर्च में कहा गया है कि मंकीपॉक्स की बीमारी उन लोगों में ज्यादा होती है जो समलैंगिंक पुरुष हैं या उनका कई पार्टनर के साथ यौन संबंध कायम हैं. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने भी बुधवार को ऐसे लोगों अपील की है कि वे यौन साथियों की संख्या सीमित करें. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से अन्य में यह बीमारी फैलने की आशंका कम हो जाएगी.
98 प्रतिशत गे, बाइसेक्सुअल में यह बीमारी
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदानोम गेब्रेयेसेस ने कहा, जिन पुरुषों के मंकीपॉक्स की चपेट में आने का जोखिम है वे फिलहाल यौन साथियों की संख्या सीमित रखने पर विचार करें. उन्होंने कहा कि मई में मंकीपॉक्स का प्रकोप शुरू होने के बाद से इससे जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें से 98 प्रतिशत गे, बाइसेक्शुअल और अन्य पुरुष हैं, जो पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं. उन्होंने जोखिम के दायरे में आने वाले लोगों से खुद को बचाने के लिए कदम उठाने की अपील की है.संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने हाल में कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वैश्विक आपातकाल की घोषणा की थी.
समलैंगिंक पुरुष दूसरों के लिए सुरक्षित विकल्प अपनाएं
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, इसका मतलब है कि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष अपने और दूसरों के लिए सुरक्षित विकल्प अपनाएं. इसमें फिलहाल के लिए यौन साथियों की संख्या कम करना शामिल है. टेड्रोस ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों को पृथक किया जाए, शारीरिक संपर्क से जुड़े समारोहों से बचा जाए. हाल ही में दिल्ली में भी मंकीपॉक्स का पहला केस आया था. इस पीड़ित व्यक्ति के बारे में भी कई तरह के संदेह हैं. हालांकि वह व्यक्ति सच्चाई नहीं बता रहा लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यक्ति ने मनाली की यात्रा के दौरान किसी विदेशी से संबंध बनाए हो सकते हैं.