गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. मान्यता है कि गुरुवार के दिन नारायण की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन से तमाम कष्ट दूर होते हैं. इस दिन श्री नारायण का ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का पाठ करना बेहद लाभकारी माना गया है. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नाम हैं.
मान्यता है कि यदि व्यक्ति रोजाना विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे तो उसके जीवन की बड़ी से बड़ी बाधा टल जाती है और व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्त होता है. यदि आप रोजाना ये पाठ नहीं कर सकते तो सिर्फ गुरुवार के दिन ही इसे पढ़ लीजिए. इससे भी आपकी हर कामना पूरी हो सकती है.
भीष्म पितामह ने किया था इसकी शक्ति का बखान
श्री विष्णु सहस्त्रनाम बेहद शक्तिशाली स्तोत्र है. इसकी शक्ति का बखान पितामह भीष्म भी कर चुके हैं. माना जाता है कि महाभारत के समय में जब भीष्म पितामह बाणों की शैया पर लेटकर अपनी मृत्यु के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे, तब युधिष्ठिर ने उनसे ज्ञान पाने की इच्छा जाहिर की थी. युधिष्ठिर ने उनसे पूछा था कि संसार में ऐसा क्या है जिसे सर्वशक्तिशाली मानकर इस भव सागर से पार जाया जा सके. युधिष्ठिर के प्रश्न का उत्तर देते हुए भीष्म पितामह ने उनके समक्ष विष्णु सहस्त्रनाम का वर्णन किया था.
इस तरह किया था महिमा का बखान
भीष्म पितामह ने विष्णु सहस्त्रनाम की महिमा का बखान करते हुए कहा था कि श्री विष्णु ही हैं जो संसार में सभी जगह व्याप्त हैं. वे ही जगत के पालनहार हैं. यदि उनके सहस्त्रनामों का पाठ करने या सुनने से ही व्यक्ति के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. विष्णु सहस्त्रनाम पाठ युगों-युगों तक फलदायी सिद्ध होगा. जो भी व्यक्ति इस पाठ को करता है, उस पर दुर्भाग्य, खतरों, काला जादू, दुर्घटनाओं और बुरी नजर का असर नहीं होता है.
पाठ करने का तरीका
सुबह के समय जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद पीले वस्त्र पहनें. घर के मंदिर में भगवान को पीला चंदन, पीले पुष्प, पीले अक्षत, धूप-दीप आदि अर्पित करें. भगवान को गुड़ और चने का भोग लगाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु को शिव, शंभु और रुद्र जैसे नामों से भी पुकारा गया है, जो ये स्पष्ट करता है कि शिव और विष्णु वास्तव में एक ही हैं. अगर आप रोजाना विष्णु सहस्त्रनाम नहीं पढ़ सकते तो नारायण के एक मंत्र का जाप जरूर करें. इससे भी आपको सहस्त्रनाम जितना पुण्य मिल सकता है. मंत्र है –
‘नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे,
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः’