हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी (Hanuman ji) की पूजा (Prayer) करने से जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और संकट और भय भी खत्म हो जाता है. बजरंगबली (bajrangbali) की पूजा करने से कठिन से कठिन काम भी पूरा होता है और व्यक्ति के आसपास पॉजिटिविटी (positivity) का संचार होता है.
आपको बता दें कि मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी का माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन से सारी पीढ़ाएं दूर हो जाती है. आज हनुमान जयंती है. कहते हैं कि हनुमान जयंती के दिन ही बजरंगबली का जन्म हुआ था. इस शुभ अवसप पर हनुमान जी की पूजा करने, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण पढ़ने और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
भारत में हनुमान जी के कई मंदिर हैं लेकिन उनमें से कुछ ऐसे मंदिर है, जो काफी मशहूर हैं. लोगों का मानना है कि बजरंगबली के इन मंदिरों में हनुमान जयंती के पावन अवसर पर दर्शन करने से जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं और बाधाएं खत्म होती हैं. इन मंदिरों में हनुमान जयंती के दिन दूर-दूर से बजरंगबली के दर्शन के लिए भक्त पहुंचते हैं. आइए आपको बताते हैं भारत में स्थित हनुमान जी के कुछ खास मंदिरों के बारे में जिनकेदर्शन आपको जरूर करने चाहिए.
भारत में मौजूद हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर
बालाजी हनुमान मंदिर, राजस्थान
दाढ़ी और मूंछ वाली अनोखी हनुमान जी की मूर्ति को लोग सालासर वाले हनुमान जी के नाम से जानते हैं. यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले के सालासर गांव में स्थित है. कहते हैं कि हनुमान जी के इस मंदिर में आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता. उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. हनुमान जी के दर्शन करने से जीवन के सार कष्ट दूर हो जाते हैं और पॉजिटिविटी का संचार होता है.
हनुमान धारा मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट नामक स्थान पर मौजूद हनुमान धारा मंदिर काफी पुराना है. चित्रकूट के पर्वत पर स्थित हनुमान जी का यह मंदिर दिखने में बेहद खूबसूरत भी है. चित्रकूट पर्वतमाला पर स्थित इस मंदिर के ठीक पास से हमेशा पानी की धारा निकलती रहती है. इस वजह से लोग इस मंदिर को हनुमान धारा के नाम से पुकारते हैं. कहते हैं यहां हनुमान जी के दर्शन करने और बहती हुई धारा का पानी प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से बजरंगबली का आर्शीवाद मिलता है.
हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात
हनुमान दंडी मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं. कहते है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है. मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था. जब हनुमान जी प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ युद्ध हुआ. अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया.
संकटमोचन मंदिर, बनारस (उत्तर प्रदेश)
मान्यता है कि बनारस के संकटमोचन मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप और पुण्य से प्रकट हुई थी. बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनके अंशावतार बजरंगबली के बारे में मान्यता है कि उनके दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं. इसीलिए लोग इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से बुलाते हैं. हनुमान जयंती के पावन अवसर पर यहां पर बजरंगबली की कृपा पाने के लिए उवके दर्शन जरूर करें.
हनुमानगढ़ी, अयोध्या
बजरंगबली के बहुत ही सुंदर और पावन धाम को लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं. यह अयोध्या में स्थित है. श्रीरामजन्मभूमि के करीब यह मंदिर ऊंचे टीले पर बना हुआ है जहां 60 साीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमान जी के दर्शन होते हैं. हनुमान जी के इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है.
लेटे हनुमान जी, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा मौजूद है. 20 फीट लंबी इस प्रतिमा को हर साल गंगा जी स्नान कराने के लिए आती हैं. देश-दुनिया में जहां नदियों के जलस्तर को एक संकट के रूप में देखा जाता है, वहीं इस मंदिर के भक्त गंगा के जलस्तर को शुभता के नजरों से देखते हैं. यहां पर हनुमान जी की पूजा उल्टे रूप में की जाती है. हनुमान जी की यह मूर्ति सिंदूर से सजी हुई बेहद खूबसूरत नजर आती है.