LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच झड़प हुई। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। इतना ही नहीं सीमा पर दोनों देश अब आक्रमक भी हो गए है। जिस वजह से सीमा पर सेना को भी अलर्ट कर दिया है। लेकिन इसी बीच इस विवाद को भारत और चीन बातचीत के जरीए सुलझाने की कोशिश कर रहे है। वहीं गलवान घाटी में हुई झड़प पर अब अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका ने इस घटना में भारत का साथ देते हुए चीन पर बड़े आरोप लगाए है।
दरअसल अमेरिका ने इस विवाद पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है चीन कोरोना वायरस से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी हरकतों को अंजाम दे रहा है। दरअसल अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो शक्रवार को चीन में थे। इस दौरान उन्होंने चीन के बड़े राजनयीक यांग रेची से मुलाकात की। इस बैठक के बाद अमेरिकी अधिकारी डेविड स्टिलवेल ने बयान जारी किया और कहा कि, ‘भारत-चीन सीमा पर इस तरह का गतिरोध पहले भी हुआ है जब साल 2015 में चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग भारत के दौरे पर गए थे। चीन की सेना इस बार भारत की सीमा में काफी अंदर तक घुस आई थी और सैनिकों की संख्या भी ज्यादा थी। हमने पहले भी यहीं स्थिति डोकलाम में देखी है।
वहीं इस दौरान विदेश मंत्री पोम्पिओ ने लद्दाख में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम चीन के साथ हालिया टकराव के बाद भारत के शहीदों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम सैनिकों के परिवारों, प्रियजनों और समुदायों को याद रखेंगे, क्योंकि वे दुखी हैं। बता दें कि इससे पहले अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चीन के खिलाफ एक ट्वीट किया था। इस दौरान ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म करने के संकेत दिए थे। जिससे चीन को एक बहुत बड़ा झटका लग सकता है। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि अमेरिका के पास चीन से पूरी तरह अलग होने का विकल्प है।