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भारत के चारों तरफ सैन्य अड्डे बनाने में जुटा ड्रैगन, नेपाल के साथ मिलकर छेड़ा ये प्रोजेक्ट

लद्दाख सीमा विवाद के बाद चीन की लालची नजर अब भारतीय सीमा के अंदरूनी इलाकों पर बनी हुई है, दरअसल सोमवार को चीन की एक बड़ी चाल का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि ड्रैगन नेपाल के साथ मिलकर भारत को चारों तरफ से घेरने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए वह नेपाल-तिब्बत कॉरिडोर पर एक बड़ी रेल लाइन बिछाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार भारत के लिए ये रेल लाइन सामरिक दृष्टि से बहुत ही खतरनाक मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि चीन इस रेल लाइन को BRI प्रोजेक्ट के तहत तैयार कर रहा है। जो करीब 72 किलोमीटर लंबी होगी। यह रेल लाइन तिब्बत से लेकर काठमांडू होकर लुंबिनी तक जाएगी। यहां ये समझ लीजिए अगर इस रेल लाइन का काम पूरा हो जाता है, तो भारत के लिए एक नए विवाद से कम नहीं होगा, चूंकि ये भारतीय सीमा के बेहद करीब है। इस वजह से चीन का यह कदम भारत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

 

खबर है कि लद्दाख सीमा विवाद की आड़ में नेपाल ने चीन के साथ इस प्रोजेक्ट पर साझेदारी की है, इसलिए वह चीन का साथ दे रहा है। पिछले महीने ही नेपाल सरकार ने भारत सीमा से लगे कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख झील पर अपना दावा ठोका था, जिसके कुछ दिनों बाद ही नेपाल ने इन्हें अपने कब्जे में ले लिया था।

इतना ही नहीं नेपाल ने लिपुलेख के पास सेना की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात कर दी है। अब खबर मिल रही है कि चीन की बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव योजना के तहत वो नेपाल से लेकर तिब्बत तक रेल लाइन बिछा रहा है, जिस पर तेजी से काम भी शुरू हो गया है।

बता दें कि BRI के तहत चीन न्‍यू सिल्क रोड प्लान पर काम कर रहा है, इस प्रोजेक्ट के तहत चीन ने कई देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सौदे किए हैं। सूत्रों के अनुसार चीन ने तिब्बत के मूलभूत सुधार में करीब 146 अरब डॉलर निवेश करने की योजना तैयार की है। और तो और पाकिस्तान के साथ बन रहा इकॉनोमिक कॉरिडोर यानी कि

CPEC भी उसके न्‍यू सिल्‍क रोड प्‍लान का ही हिस्सा है। ये निवेश पहले से जारी प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के साथ ही कुछ नए प्रॉजेक्ट्स को शुरू करने में भी किया जाएगा।  मिली जानकारी के अनुसार भारत के साथ तनाव बढ़ता देख, इस काम में तेजी लाई गई है।

चीन के इस प्रोजेक्ट पर रक्षा विशेषज्ञों ने भारत के लिए खतरा बढ़ने की बात कही है। नेपाल टू तिब्‍बत का रेल कॉरिडोर सामरिक दृष्टि से काफी खतरनाक माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस प्रोजेक्ट के जरिए भारतीय सीमा में अपनी पैठ बढ़ाना चाहता है, जिसे रोकने की आवश्यकता है। भारत को भी सीमा पर सैन्य बल बढ़ा देना चाहिए।