भारत (India) ने यूरोपीय संसद (European Parliament) में मणिपुर (Manipur) की घटनाओं को देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप )Interference Internal Affairs) और औपनिवेशिक मानसिकता की प्रतीक बताते हुए इसकी चर्चा को खारिज कर दिया है ।
दरअसल, इस संबंध में विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा है कि हमने देखा है कि यूरोपीय संसद ने मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा की और एक तथाकथित अत्यावश्यक प्रस्ताव पारित किया। भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।
अरिंदम बागची ने कहा है कि न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति और सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यूरोपीय संसद को सलाह दिया कि वह अपने समय का उपयोग अपने आंतरिक मुद्दों का समाधान करने के लिए करे न कि भारत के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप एवं चर्चा के लिए ।