भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार को लखनऊ में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद यह पहली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक है। भाजपा प्रवक्ता के अनुसार, बैठक बंद कमरे में होगी। बैठक में पार्टी के नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के सामने अपने विचार रखेंगे।
राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में होने वाली बैठक में पूरे प्रदेश से करीब 3,000-3,600 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में पार्टी के मौजूदा विधायकों और सांसदों के साथ-साथ चुनाव हारने वाले सभी लोकसभा उम्मीदवारों को भी आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा बैठक में एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और पार्टी के सभी पदाधिकारी बैठक में शामिल होंगे।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने कहा, आमतौर पर भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में 300 से 400 प्रतिनिधि शामिल होते हैं। लेकिन इस बार बैठक में करीब 3,000-3,600 प्रतिनिधि शामिल होंगे। राज्य में 80 लोकसभा सीटों में से केवल 33 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिए 78 लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करने के लिए दो-दो सदस्यों वाली 40 टीमें गठित की थीं। टीमों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को सौंपी थी।
रविवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में ये मुद्दे उठ सकते हैं। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष 6-7 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर प्रदेश की राजधानी में थे। बीएल संतोष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा पार्टी के क्षेत्रीय प्रमुखों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव तथा इस वर्ष के अंत में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में राज्य में पार्टी के प्रदर्शन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी।
इस बीच, शनिवार को बदलापुर के भाजपा विधायक रमेश मिश्रा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से नहीं हटाया गया तो भाजपा 2027 का उत्तर प्रदेश चुनाव हार जाएगी।