राजनीतिक दलों को कितना चंदा मिलता है, कहां से मिलता है, कौन उन्हें देता है, ये वो सवाल हैं जो विवाद का विषय बन ही जाते हैं. लेकिन Association for Democratic Reforms यानी कि ADR की रिपोर्ट पारदर्शिता लाने का काम करती है. एक बार फिर ADR की तरफ से राजनीतिक पार्टियों (political parties) के चंदे (donations) लेकर अहम जानकारी साझा की गई है. बताया गया है कि इस बार इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए बीजेपी (BJP) को सबसे ज्यादा चंदा मिला है, वहीं कांग्रेस (Congress) का डोनेशन तो आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से भी कम है.
क्या कहती है ADR की रिपोर्ट
आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 351.50 करोड़ का चंदा मिला है. कुल डोनेशन जो सभी पार्टियों को मिला है, वो 487.09 करोड़ बैठता है. ऐसे में अकेले बीजेपी के खाते में 72% चंदा गया है. कांग्रेस की बात करें तो उसे इस साल मात्र 18.44 करोड़ रुपये डोनेशन में मिले हैं, उससे ज्यादा सपा को 27 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 21.12 करोड़ मिले हैं. TRS को इस साल 40 करोड़ का चंदा मिला है, वहीं YSR कांग्रेस को 20 करोड़ मिले हैं. अन्य पार्टियों में अकाली को 7 करोड़, पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी को 1 करोड़, गोवा फॉरवर्ड पॉर्टी और डीएमके को 50 लाख मिले हैं.
किसने दिया कितना चंदा?
अब ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को जितना डोनेशन मिला है, वो 9 दूसरी पार्टियों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है. वहीं अकेले कांग्रेस की तुलना में तो बीजेपी को 19 प्रतिशत ज्यादा चंदा मिल गया है. एडीआर की रिपोर्ट से ये भी स्पष्ट हुआ है कि इलेक्टोरल ट्रस्ट को जितना डोनेशन मिला था, उसकी तरफ से 99.99 प्रतिशत सभी पार्टियों में बांट दिया गया. रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा Arcelor Mittal Nippon Steel India Ltd द्वारा दिया गया है. इस कंपनी ने 70 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है, दूसरे नंबर पर Acrelor Mittal Design है जिसने 60 करोड़ का चंदा दिया है. भारती एयरटेल ने भी 51 करोड़ रुपये का डोनेशन पार्टियों को दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्टोरल ट्रस्ट एक ऐसा संगठन है जिसे कॉरपोरेट और दूसरी कंपनियों से चंदा मिलता है, फिर वो उस चंदे को पार्टियों में बांटने का काम करता है.