हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Diamond trader Nirav Modi) को ब्रिटेन से भारत लाने का रास्ता (route from uk to india) साफ होता दिख रहा है। लंदन हाईकोर्ट (London High Court) ने बुधवार को नीरव की अपील खारिज करते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उसे भारत भेजा जाए, ताकि वह धोखाधड़ी और धनशोधन से जुड़े आरोपों का सामना करे। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) (Punjab National Bank (PNB)) के कर्ज में धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी है।
नीरव ने अपने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायाधीश रॉबर्ट जे ने याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट में अपील पर सुनवाई की अनुमति दो आधार पर दी गई थी- यूरोपीय मानवाधिकार समझौते के अनुच्छेद-3 के तहत और मानसिक सेहत से जुड़े प्रत्यर्पण अधिनियम 2003 की धारा 91 के तहत।
इससे पहले लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। वह मार्च, 2019 से दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
भारत सरकार गंभीरता से लेगी
फैसले में इस बात को स्वीकार किया गया कि भारत सरकार अपने आश्वासनों को उचित गंभीरता से लेगी। इस तथ्य से भी यह बात पुष्ट होती है कि यह नामचीन मामला है इसलिए 51 वर्षीय नीरव को हर समय कड़ी सुरक्षा मिलनी चाहिए। पीठ ने कहा, भारत सरकार इस बात को मानेगी कि आश्वासनों को पूरा नहीं कर पाने पर उस विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो प्रत्यर्पण का आधार है।
गवाह ने क्या कहा
विशेषज्ञ गवाह के बयान के आधार पर कहा गया कि नीरव मोदी ने अभी तक मानसिक रोग का कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं किया है। उसने कभी आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
इन मामलों में वांछित है हीरा कारोबारी
1. धोखाधड़ी से सहमति-पत्र हासिल कर पीएनबी के साथ जालसाजी करने से संबंधित मामला, जिसमें सीबीआई जांच कर रही
2. कालेधन को सफेद में बदलने से संबंधित ईडी की जांच का मामला
3. साक्ष्यों गायब करने, गवाहों को डराने-धमकाने के दो अतिरिक्त आरोप भी हैं
ये विकल्प बाकी…
– अगले 14 दिनों में नीरव सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है
– अपील हाईकोर्ट के यह कहने पर संभव है कि केस आम लोगों के लिए अहम है
– शीर्ष कोर्ट से राहत न मिलने पर यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के नियम 39 की मदद ले सकता है
– इसके तहत कोर्ट बड़ी क्षति की आशंका पर अंतरिम उपाय लागू कर सकता है
18 हजार करोड़ वसूले
हजारों करोड़ की बैंक धोखाधड़ी कर देश से भागे कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से अब तक 18 हजार करोड़ रुपये की वसूली की गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी थी।