मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने नगर निगम के एक असिस्टेंट इंजीनियर के खिलाफ़ सुपारी देकर पत्रकार की गाड़ियों में आग लगवाने के मामले में केस दर्ज किया है. भोपाल पुलिस के मुताबिक भोपाल नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर ओपी चौरसिया ने मामूली कहासुनी का बदला लेने की नियत से पत्रकार के घर में खड़ी गाड़ियों को आग लगवाई थी. इस दौरान घर के सामने खड़ी एक बाइक और स्कूटी तो पूरी तरह जल गई थी जबकि एक एक्टिवा और स्विफ्ट डिजायर कार को आंशिक नुकसान हुआ था. इसके लिए निगम के असिस्टेंट इंजीनियर ने बकायदा उज्जैन जिले के नागदा में रहने वाले तीन युवकों को एक लाख रुपये की सुपारी भी दी थी.
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात निजी चैनल में काम करने वाले एक पत्रकार के घर पर खड़ी गाड़ियों में किसी ने आग लगा दी थी. घटना के बाद टीटी नगर थाने में इसकी एफआईआर दर्ज करवाई गई. पुलिस ने जब घर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उसमें घटना के समय एक संदिग्ध कार नजर आई. कार का नंबर ट्रेस करने पर मालूम हुआ कि यह कार नागदा में रहने वाले एक शख्स की है. इसके बाद भोपाल पुलिस की एक टीम नागदा गई और कार के मालिक से पूछताछ की गई. शुरुआत में तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन जब सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि भोपाल नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर ओपी चौरसिया ने इस काम के लिए एक लाख रुपये की सुपारी दी थी. इसमें से 65 हज़ार रुपये एडवांस दिए गए थे. आरोपियों ने बताया ओपी चौरसिया ने पत्रकार के परिवार से कहासुनी का बदला लेने की नीयत से आगजनी करवाई थी. घटना को अंजाम देकर वह उसी रात वापस नागदा गए थे.
बंगाल में बैठकर निर्देश दे रहा था इंजीनियर
पुलिस की तफ्तीश में जो कॉल डिटेल निकल कर सामने आई है उससे पता चला है कि घटना के समय आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर कोलकाता में था और वहीं से फोन के जरिए आरोपियों को निर्देशित कर रहा था. फिलहाल आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर ओपी चौरसिया फरार है. वहीं घटना को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों समीर वेग, संतोष और अल्फाज मेवाती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अपराध में इस्तेमाल की गई कार और पेट्रोल की केन की बरामद कर ली गई है.