भारत (India ) ने शुक्रवार को संकेत दिए कि यह दुनिया के सबसे बड़े हीरों में शुमार कोहिनूर (Kohinoor ) को ब्रिटेन (Britain ) से वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा. ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद भारत में कोहिनूर को वापस लाने की मांग फिर से तेज हो गई है. इस मांग के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ‘एमईए’ के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कुछ साल पहले संसद में इस मुद्दे पर सरकार (government) की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया.उन्होंने कहा- ‘मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था. हमने कहा है कि हम समय समय पर ब्रिटेन सरकार से बात करते रहे हैं और हम मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीकों और साधनों का पता लगाना जारी रखेंगे.’ महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को दे दिया था. 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया था.
ब्रिटिश मीडिया (British media) में ऐसी अटकलें हैं कि अगले साल छह मई को होने वाले कार्यक्रम में जब कैमिला को महारानी का खिताब दिया जाएगा तब वह ताज पहन सकती हैं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में अनेक ट्विटर यूजर ने कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग की है.
गौरतलब है कि ब्रिटेन में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद कोहिनूर हीरे को लेकर भारत की ओर से इसे वापस लाने की मांग तेज कर दी है. इसको लेकर विवाद भी खड़े हो रहे हैं. एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद नई रानी कैमिला की ताजपोशी अगले साल होगी. खबरों की मानें तो ‘राजनीतिक संवेदनशीलता’ की वजह से बकिंघम पैलेस नहीं चाहता कि कोहिनूर हीरे को लेकर कोई नया विवाद खड़ा हो क्योंकि इसके स्वामित्व को लेकर लंबे समय से एक बहस चल रही है. लिहाजा संभव है कि कैमिला को उनकी ताजपोशी में कोहिनूर वाला ताज नहीं पहनाया जाएगा. खबरों के मुताबिक कोहिनूर हीरा, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी. 150 साल से क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है.