भाजपा (BJP) ने ओडिशा (Odisha) में पार्टी के विधायक दल के नेता के चुनाव की निगरानी के लिए राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव (Rajnath Singh and Bhupendra Yadav) को केंद्रीय पर्यवेक्षक (Central Observer) नियुक्त किया है। भाजपा विधायक दल का नेता ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेगा। पार्टी ने एक बयान में कहा कि उसके संसदीय बोर्ड ने विधायकों की बैठक की निगरानी के लिए सिंह और यादव को चुना, जो राज्य विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सोमवार को विधायकों की बैठक होने की संभावना है। निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) के 24 साल से अधिक के शासन पर विराम लगाते हुए भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। पार्टी ने लोकसभा की 21 में से 20 सीट पर भी जीत हासिल की।
ओडिशा में पहली भाजपा सरकार का शपथग्रहण समारोह 12 जून को
ओडिशा में पहली भाजपा सरकार के शपथग्रहण समारोह की तारीख 10 जून की जगह 12 जून कर दी गई है। पार्टी नेता जतिन मोहंती और विजयपाल सिंह तोमर ने रविवार को इसकी पुष्टि की। मोहंती ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यस्तता के कारण कार्यक्रम स्थगित किया गया है। मोदी रविवार को अपने शपथग्रहण समारोह में व्यस्त रहेंगे और अगले दिन पार्टी सांसदों से मिलेंगे। इसके अलावा, नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली विधायक दल की बैठक अब 11 जून को तय की गई है। चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कहा था कि ओडिशा की पहली भाजपा सरकार 10 जून को शपथ लेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने भी शनिवार को इसकी पुष्टि की थी। पार्टी सूत्रों ने हालांकि बताया कि तारीख बदलने का फैसला रविवार को लिया गया। इस बीच, नए मुख्यमंत्री को लेकर अब भी रहस्य बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता और नवनिर्वाचित विधायक सुरेश पुजारी नयी दिल्ली पहुंचे, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह शीर्ष पद के प्रमुख दावेदारों में से एक हो सकते हैं।
पुजारी 2019 के चुनाव में बरगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने हाल ही में ब्रजराजनगर विधानसभा क्षेत्र से चनाव जीता। उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा के लिए नयी दिल्ली बुलाया गया है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नेता के नाम पर अंतिम फैसला नहीं कर पाया है, लेकिन पार्टी की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट तस्वीर सामने आने के लिए दो दिन और इंतजार करना होगा।
नई दिल्ली से लौटने के बाद सामल ने कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड अपनी बैठक में मुख्यमंत्री के बारे में निर्णय लेगा। भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीट जीतकर सहज बहुमत हासिल किया। पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। इस बीच, भुवनेश्वर के जनता मैदान में शपथग्रहण समारोह के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं।