भले ही अभी तारीख मुकर्रर न हुई हो लेकिन बिहार की गलियां सियासी नुमाइंदों के वादों से गुलजार हो चुकीं हैं। कोरोना काल में छायी मायूसी के बीच नेताओं की दस्तक बिहार की जनता जनार्दन को कितनी रास आती है.. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.. मगर इससे पहले बिहार चुनाव की तारीख मुकर्रर हो कि नेताओं की प्रतिज्ञाओं की बहार जरूर शुरू हो चुकी है। इसी बीच अब हर मसले को लेकर राजद और जेडीयू पर जमकर निशाना साधने वाले जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार की जनता से वायदा करते हुए एक बड़ा दांव खेल लिया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं इन वादों को पूरा करने में विफल रहा तो मैं इस्तीफा देने के लिए हूं।
बिहार चुनाव से पूर्व राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि पिछले 30 सालों में दो भाइयों ने बिहार को लूटा है। लेकिन अब समय आ चुका है कि बिहार में विकास की बयार बहे। पप्पू यादव ने कहा कि आज आपसे बिहार का सेवक और बेटा महज कार्यकाल का एक वर्ष मांग रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि बिहार में मुसलमान, बैकवर्ड, हिंदू, मुसलमान, दलित और महादलित जैसे शब्दों को खत्म करने का ऐलान करना होगा।
पप्पू यादव ने किए ऐसे वादे
चुनावी जंग में फतह पाने के लिए पप्पू यादव ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि अगर आप हमें अपनी सेवा का मौका देंगे तो प्रदेश में फर्स्ट डिवीजन से पास होने वाले छात्रों को बाइक मिलेगा तो वहीं छात्राओं को स्कूटी देने का वादा किया गया है। वहीं महज ढ़ाई साल के अंदर सभी जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशलिस्ट बनाने की बात कही गई है। इसके इतर बिहार में सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर फिल्म सिटी बनाने की बात कही गई है। इसके इतर विधवा और वृद्धा पेंशन को 500 से 3000 रूपए की मांग की गई है। उधर, सभी कर्मचारियों को स्थायी करने की बात कही गई है।