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बिहार के ये युवा चेहरे, जिनकी नहीं रही राजनीति कभी पहली पसंद, मगर एंट्री मारते ही मचाया तहलका

कल तक वीरान रहने वाली गलियां आज सियासी नुमाइंदों की दस्तक से गुलजार हो रही हैं। अपनी तरफ से सियासी नुमाइंदे सूबे की जनता-जनार्दन को रिझाने की  पूरी कोशिश कर चुके हैं ,मगर अब ये तो फिलहाल  10 नवंबर नतीजों का दिन ही तय करेगा कि यहां के नुमाइंदे अपने इस जुगत मेें कहां तक सफल हो पाए हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा , मगर इससे पहले हम आपको इस खास रिपोर्ट में बिहार के उन  युवा सियासी चेहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी राजनीति पहली पसंद कभी नहीं रही, मगर जैसे ही उन्होंने बिहार की राजनीति में  एंट्री मारी तो उन्होंने जो कर दिखाया वो यकीनन कमाल था..तो चलिए जानते  हैं, उन सियासी सूरमाओंं के बारे में।

तेजस्वी यादव 
महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव आज बिहार की सियासत में अव्वल दर्जे पर कायम हैं, लेकिन  अगर उनके व्यक्तिगत सियासी अतीत के बारे  में जानने पर मालूम पड़ता है  कि राजनीति उनकी पहली पसंद कभी नहीं रही। शुरू में वे क्रिकेट  की दुनिया में अपना परचम लहराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बीच राह में अपनी पढ़ाई तक को तवज्जो  नहीं दी और 9वीं कक्षा मेें पढाई छोड़ दी। इसके बाद फिर लगता है कि उनके पिता लालू यादव ने उनके अंदर सियासी गुणों को काफी पहले ही भांप लिया था।लिहाजा,  उन्होंने तेजस्वी यादव की एंट्री बिहार की पॉलिटिक्स में करवा  दी और फिर तेजस्वी  महज 25 साल की उम्र  में विधानसभा पहुंच गए और आज की तारीख में चौतरफा महज तेजस्वी की  ही  हवा दिख रही है।

चिराग पासवान 
उधर, बात अगर चिराग पासवान की करें तो बिहार इनके पिता रामविलास पासवान भी केंद्र  में मंंत्री रहे हैं। इस वर्ष उनका  निधन हुआ। रामविलास पासवान के निधन के बाद अब चिराग भी  बिहार की राजनीति में अपना जलवा दिखाने के लिए  एंट्री कर चुके हैं। बात अगर उनके राजनीत़ि  की कर तो उनकी पहली पसंद भी  राजनीति नहीं रही है। वे तो फिल्मी दुनिया में जाकर अपना करियर बनाने चाहते थे, मगर राजनीति उन्हें अपनी तरफ खींच लाई और आज वे बिहार की राजनीति में अपना जलवा दिखाने को तैयार हो चुके  हैं।

श्रेयसी सिंह 
श्रेयसी  सिंह भी अन्य सियासी सूरमाओं की भांति सियासी कुनबे से  ताल्लुक रखतीं हैं। उनके  पिता दिग्विजय सिंह अटल  बिहारी  वाजपेयी सरकार में मंंत्री थे। उनका  माता पुतुली देवी  सांसद थी। श्रेयसी  सिंह के  लिए भी राजनीति  कभी पहली पसंंद नहीं रही। वे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटर बनाना चाहती थी।  उन्होने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। वे अब जुमुई सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही है।

लव सिन्हा 
शत्रुघ्न सिन्हा के पत्रु लव सिन्हा राजनीति में एंट्री करने से  पहले एक्टिंग कर चुके  हैं।   इस बार  वे  बांकीपुर  विधानसभा सीट  से चुनाव लड़ रहे हैं। अब तो फिलहाल यह देखने  वाली बात होगी  कि आखिर इनमे से कितने लोग बिहार विधानसभा चुनाव में अपना  जौहर दिखने  में सफल होते हैं।