बाराबंकी: सफलता सुविधाओ की मोहताज नही होती और यह सिद्ध किया है जनपद के लाल आदर्श कांत शुक्ला ने। तराई क्षेत्र से निकले इस युवा ने अपनी सफलता का ऐसा परचम लहराया जिससे सुविधाओ का रोना रोने वालो को आइना दिख गया।
बाराबंकी जिले के एक होनहार छात्र ने इतिहास रचते हुए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की है। जनपद के मयूर विहार कॉलोनी के रहने वाले आदर्श कांत शुक्ला ने केवल 22 साल की उम्र में यूपीएससी का एग्जाम 149वीं रैंक के साथ पास किया और आईपीएस बन गए हैं। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि से न केवल अपने माता-पिता बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है और सबसे खास बात यह है कि आदर्श कांत शुक्ला ने पहले ही प्रयास में और घर में ही पढ़ाई करके यह सफलता हासिल की, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के लिये किसी तरह की तरह की कोचिंग नहीं की।
आदर्श कांत शुक्ला बाराबंकी जिले के रामनगर तहसील के मड़ना ग्राम के मूल निवासी हैं, जो तराई क्षेत्र में आता है। आदर्श के पिता राधाकांत शुक्ला निजी फर्मों में एकाउंटेंट का काम करते हैं और उनकी पत्नी गीता शुक्ला एक गृहिणी हैं। करीब 20 साल पहले वह गांव से बाराबंकी शहर में आकर बस गए थे. वह बीवी-बच्चों के साथ पहले किराए के मकान में रहते थे, उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने अपना मकान बाराबंकी के ओबरी स्थित मयूर विहार कॉलोनी में बनवा लिया।
आदर्श ने साईं इंटर कालेज लखपेड़ाबाग से हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की तत्पश्चात नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ से बीएससी में गोल्ड मेडल हासिल किया फिर यूपीएससी की तैयारी कर पिछले साल उन्होंने परीक्षा दी थी। यूपीएससी की परीक्षा के समय इनकी उम्र महज 21 साल ही थी। आदर्श की एक बहन भी हैं, स्नेहा शुक्ला जो एलएलएम करने के बाद पीसीएस जे की तैयारी कर रही हैं। आदर्श का कहना है कि उनकी उपलब्धि में उनके माता-पिता का अहम योगदान है।
आदर्श के चयन की खबर लगते ही जनपदवासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी और सोशल मीडिया पर बधाइयों का दौर शुरू हो गया। माता पिता भी अपने पुत्र की सफलता से फूले नही समा रहे वही आदर्श ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया।