केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्टील और सीमेंट सेक्टर के लिए रेगुलेटर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां दाम बढ़ाने के लिए आपसी साठ-गांठ के तहत काम कर रहे हैं। यदि स्टील और सीमेंट की कीमत इसी प्रकार बढ़ती रही तो भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का पीएम मोदी का सपना पूरा होने में बहुत समय लगेगा और बेहद मुश्किल हो जाएगा।
गडकरी ने अगले 5 साल के दौरान अर्थव्यवस्था में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की तरफ इशारा किया। खास बात ये है कि स्टील और सीमेंट उद्योग पर इस प्रकार की साठगांठ के आरोप इससे पहले रियल एस्टेट उद्योग ने लगाए हैं। असल में, रियल एस्टेट को भी आवश्कयता के सामान एक्सपायर होने की शिकायत करते हुए लागत बढ़ने की बात करता है।
गडकरी ने बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के एक कार्यक्रम को वीडियो कानफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा, ‘जहां तक स्टील और सीमेंट की बात है यह हम सभी के लिए बड़ी समस्या है। वास्तव में मेरा मानना है कि यह स्टील और सीमेंट सेक्टर के कुछ बड़े लोगों का किया धरा है, जो कि सठगनाथ के जरिए यह कर रहे हैं। इस संबंध में पीएम के साथ विचार-विमर्श किया गया है और इस मुद्दे पर पीएमओ में मुख्य सचिव के साथ भी लंबी चर्चा हुई है। ‘
गडकरी ने आगे कहा कि हम इसके लिए समाधान तलाशने की कोशिश में लगे हैं। बिल्डर्स एसोसियेसन का स्टील और सीमेंट सेक्टर के लिए एक रेगुलेटर बनाने का सुझाव है जो कि अच्छा सुझाव है, मैं इसको देखूंगा। उन्होंने आगे कहा कि रेगुलेटर बनाना उनके हाथ में नहीं है, मगर उन्होंने वादा किया कि वह प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय और पीएम के साथ बातचीत जरूर करेंगे।