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बड़ा खतरा : कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को हुआ ब्लैक फंगस, 8 लोगों की निकाली गई आखें

कोरोना का खतरा तो पूरे देश में था ही अब इसके साथ ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे कई मामले गुजरात से सामने आए हैं जहां पर जो मरीज कोरोनावायरस ठीक हुए हैं उनमें ब्लैक फंगस देखा गया. इन मामलों में बढ़ोतरी पाई जा रही है क्योंकि गुजरात में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं.

गुजरात के सूरत में ब्लैक फंगस के कारण 8 लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी को हमेशा के लिए खो दिया, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ गया. बीते 15 दिनों में सूरत में ब्लैक फंगस के 40 से ज्यादा मामले सामने आए. इनमें से आठ लोगों ने अपनी आंखें खो दी है. यह कोरोनावायरस के कारण फैल रहा है, लेकिन इसका इलाज संभव है. अगर समय पर इलाज किया जाए तो इलाज हो सकता है, लेकिन समय रहते इलाज न किया गया तो मरीज की मौत भी हो सकती है.

अन्य  इलाकों में भी दिखे ऐसे मामले

केवल सूरत ही नहीं इसके अलावा मुंबई में भी 29 वर्षीय सुहास को ब्लैक फंगस का संक्रमण दिखा. उनकी सर्जरी की गई, जिससे दिमाग तक यह फंगस ना पहुंच पाए. डॉक्टर ने सुहास के ऊपरी जबड़े को हटा दिया.

मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में ब्लैक फंगस संक्रमण के 18 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए हैं. तो वहीं महाराष्ट्र से भी कई मामले सामने आए हैं. कई लोगों का ऊपरी जबड़ा हटाया गया है. एक की आईबॉल ही नष्ट हो गई.

इसके अतिरिक्त परेल के के ई एम अस्पताल में 25 से ज्यादा लोग इस बीमारी से परेशान है और इसका इलाज करा रहे हैं. बता दें कि इसमें इंफेक्शन नाक से शुरू होकर जबड़े से होता हुआ दिमाग तक पहुंचता . इंफेक्शन दिमाग तक पहुंच गया तो मरीज को बचाना बहुत मुश्किल होता है.

क्या है यह बीमारी

अमेरिका के सीडीसी ने बताया है कि ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं कोरोनावायरस के दो-तीन दिन बाद. सबसे पहले यह साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक पहुंचता है. इसके बाद 24 घंटे में यह फंगस दिमाग में धावा बोल देता है. एक्सपर्ट का मानना है कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन पर इसका खतरा ज्यादा होता है और जिन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होती है उन पर भी यह हावी हो जाता है. अगर यह आपको होता है तो सबसे पहले आपके तेज सिर दर्द और आंखों में लाल पन होने लगता है .