वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 में पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए ‘स्क्रैप पॉलिसी’ की घोषणा की. ‘क्लीन एयर’ को ध्यान में रखते हुए इस पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर जांच के लिए जाना होगा. हालांकि इससे जुड़ी विस्तृत जानकारियां बाद में सामने आएंगी.
पुरानी सरकारी गाड़ियां हटेंगी जल्द
हाल में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सरकारी वाहनों के लिए 15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ (स्क्रैप करने) में भेजने की नीति को मंजूर कर दिया. मंत्रालय के इस फैसले से केंद्र, राज्य सरकारों और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में इस्तेमाल होने वाले 15 साल पुराने वाहनों को हटाना होगा. हालांकि इस नीति का पालन अप्रैल 2022 से होना है.
2016 से था इंतजार
केंद्र सरकार ने मई 2016 में पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए Voluntary Vehicle Fleet Modernisation Programme का मसौदा रखा था. सरकार का अनुमान है कि इस नीति के सबके लिए आने से सड़कों से 15 साल पुराने करीब 2.8 करोड़ वाहन हटाने में मदद मिलेगी.
प्रदूषण से राहत
आईआईटी बॉम्बे के एक अध्ययन के मुताबिक कुल वायु प्रदूषण में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों से होने वाले प्रदूषण की है. ऐसे में पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने पर वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
सस्ती होंगी गाड़ियां
सड़क परिवहन मंत्रालय का अनुमान है कि स्क्रैप पॉलिसी से रिसाइकल कच्चा माल उपलब्ध होगा. इससे वाहनों की लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आने की भी संभावना है. इसके अलावा बजट में स्टील पर उत्पाद शुल्क (कस्टम ड्यूटी) भी कम किया गया है. इससे वाहनों की कीमत में और कमी आने की भी संभावना है.