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फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर विजय सिन्हा का इस्तीफा, बोले- पद छोड़ देता लेकिन मुझे हटाने की कोशिश हुई

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के बहुमत साबित करने से पहले ही स्पीकर विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के साथ ही विजय सिन्हा ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी के बदले नरेंद्र नारायण यादव का नाम लिया कि सदन की कार्यवाही आगे वो संचालित करेंगे। इसको लेकर विवाद हो गया है क्योंकि नियमानुसार स्पीकर नहीं तो डिप्टी स्पीकर को सदन की कार्यवाही को संचालित करते हैं। विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दो बजे बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार अपना बहुमत साबित करेगी।

इस्तीफा देने से पहले विजय सिन्हा ने कहा कि मैं बहुमत से निर्वाचित हुआ था, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रिया। अपने छोटे कार्यकाल में कई काम और कार्यक्रम किए। प्रयास किया कि सत्ता और विपक्ष को साथ लेकर चलूं। निष्पक्षता से सदन का दायित्व निभाया। हमेशा विधानसभा के सभी सदस्यों की मान मर्यादा, सदन की गरिमा बढ़ाने की कोशिश की।

‘मुझे हटाने की कोशिश की गई’

सिन्हा ने अपने भाषण में कहा कि नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नया गठबंधन हुआ। बिहार में नई सरकार का गठन हो गया। बिना विवाद के शपथग्रहण हो गया, अपना काम करने लगी। इसी बीच स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव आ गया।

विजय सिन्हा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देता। लेकिन मुझे पद से हटाने की कोशिश शुरू कर दी गई। मुझ पर सदस्यों ने मनमानी करने, तानाशाही करने का आरोप लगाया। जब नई सरकार का गठन हो रहा था तभी 9 अगस्त को ही विधानसभा सचिव को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दे दी गई थी। इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया, ताकि सदन में इसका जवाब दे सकूं।