रंगों का त्योहार है। रंगों से हमारा गहरा नाता केवल संस्कृति और जीवन तक ही सीमित नहीं है, वह हमारे ज्ञान-विज्ञान में भी शामिल है। यही कारण है कि रंगों से हमारा स्वभाव भी पहचाना जाता है। रंग हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व का आईना भी हैं। हर रंग किसी न किसी भाव और गुण का प्रतिनिधित्व करता है। होली के मौके पर हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं.
लाल रंग
ये रंग हमें प्रेम, उत्साह, उमंग, साहस, शक्ति और लगन से कार्य करने की सीख देता है। यही गुण हमारी सफलता को सुनिश्चित करते हैं।
नारंगी रंग
यह रंग जोश, आनंद, आकर्षण, दोस्ती का प्रतीक है। जीवन में ये गुण सफलता की ओर ले जाते हैं।
पीला रंग
ये रंग दूरदर्शिता, कुशाग्रता से कार्य करने और दूसरों को प्रभावित करने की सीख देता है।
हरा रंग
यह रंग प्रकृति का प्रतीक है। हमें प्रकृति की तरह सहनशील, उदार और निरंतर उद्यमी बनना चाहिए, तभी धन, भाग्य, सुख-समृद्धि, उपलब्धियां मिलती हैं।
नीला रंग
ये रंग शांति, समर्पण, प्रेरणा, चिंतन-मनन का प्रतीक है। हमारे अंदर जब ये गुण आते हैं तो व्यक्तित्व उभरता है।
बैंगनी रंग
अध्यात्म, बुद्धिमानी का प्रतीक रंग है। अध्यात्म हमें ज्ञान की ओर ले जाता है। ज्ञान से बुद्धि विकसित होती है तब हम अच्छे-बुरे का अंतर समझ सकते हैं।
सफेद रंग
यह शांति, दयालुता, विश्वास, शुद्धता का प्रतीक है। यही गुण हमें समाज में प्रतिष्ठा दिलाते हैं।
गुलाबी रंग
यह प्रेम, दोस्ती, स्नेह, शांति, परिपूर्णता का रंग है। प्रेम, स्नेह, दोस्ती से जीवन में उत्साह-उमंग का संचार होता है।
फिरोजी रंग
सतर्कता, रचनात्मकता का प्रतीक है। सतर्कता मतलब अपने काम का विवेकपूर्वक निरीक्षण। जो भी काम करें वह सतर्कता से करें, उसमें रचनात्मकता हो।
काला रंग
यह रंग नकारात्मक विचारों को खत्म करता है। हमें अपने विचार सकारात्मक बनाना चाहिए।
सुनहरा रंग
यह भाईचारा, अच्छे विचार का प्रतीक है। हम अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील होते हैं और उनके बारे में अच्छे विचार रखते हैं तो हमें इसका प्रतिफल इसी रूप में मिलता है।
भूरा रंग
यह धन और सफलता का प्रतीक है। हमारे पुरुषार्थ का नतीजा सफलता के रूप में मिले तब ही उसकी सार्थकता है।
चमकीला रंग
यह स्थायित्व, तटस्थता का प्रतीक और बुरी ताकतों से बचाने वाला रंग है। यह हमें अनावश्यक चंचलता तथा बुरी संगत से बचने की सीख देता है।