कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए लगभग 150 नाम तय कर लिए हैं। सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लगभग 70 नामों पर सहमति बन गई है। इससे पहले लगभग 50 प्रत्याशियों के नाम तय किए जा चुके हैं। इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मौजूद रहीं। बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेन्द्र भंवर सिंह, सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा व वर्षा गायकवाड मौजूद रहीं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी करने की जल्दबाजी नहीं करेगी। प्रत्याशियों को व्यक्तिगत तौर पर चुनाव लड़ने के लिए सूचित किया जाएगा। इससे पहले कांग्रेस अपनी मजबूती वाली 50 सीटों पर प्रत्याशियों को तैयारी करने के लिए निर्देशित कर चुकी है। इनमें ज्यादातर पूर्व सांसद, विधायक या पिछले चुनावों में मजबूती से टक्कर देने वाली प्रत्याशी हैं। वहीं सोमवार को भी लगभग छह दर्जन प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई।
इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चयन के लिए एक तय प्रक्रिया अपना रही है। इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों ने जोनवार बैठकें कर एक-एक प्रत्याशी से मुलाकात की और उनका पक्ष जाना। इस दौरान उनके साथ जोन प्रभारी/राष्ट्रीय सचिव आदि मौजूद रहे। इसमें दावेदारों से पूछा जा रहा है कि उनके चुनाव लड़ने का मकसद क्या है? इसके लिए उन्होंने अभी तक क्या-क्या तैयारी की है? आखिर उन्हें ही टिकट क्यों दिया जाए? कांग्रेस ने सोमवार को सभी विधानसभा क्षेत्रों में ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ पदयात्रा का आयोजन किया। पदयात्रा के दौरान कांग्रेस का ‘शक्ति विधान महिला घोषणा पत्र’ सभी विधानसभा क्षेत्र के बूथों तक पहुंचाया गया।
यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने दी। उन्होंने कहा कि संसद और देश भर की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 15 प्रतिशत से भी कम है। मौजूदा लोकसभा में 14 प्रतिशत और राज्यसभा में 11.6 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं लेकिन कांग्रेस ने प्रतिज्ञा ली है कि वह 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देगी। सरकार बनने पर छात्राओं को र्स्माटफोन व स्कूटी दी जाएगी। पाण्डेय ने कहा कि लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।