अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) की सुरक्षा में बड़ा बदलाव (Big change in security) किया गया है। अब इसकी सुरक्षा की कमान SSF के हाथों में होगी, जिसका गठन यूपी सरकार (UP government) ने हाल ही में किया है. इस फोर्स को यूपी पुलिस और पीएसी के सर्वश्रेष्ठ जवानों (best soldiers of UP Police and PAC) को चुनकर बनाया गया है जिन्हें विशेष सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग दी गई है।
सुरक्षा की कमान संभालने के लिए एसएसएफ की बटालियन अयोध्या पहुंच चुकी है। हालांकि अभी उनकी एक सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग होगी. इस दौरान उन्हें सुरक्षा चुनौतियों और उससे निपटने को लेकर जानकारी दी जाएगी। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कारवाई को लेकर उन्हें लोकेशन और रूट मैप की भी जानकारी दी जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा गठित एसएसएफ पीएसी और यूपी पुलिस के श्रेष्ठ जवानों को मिलाकर तैयार किया गया है। सोमवार की रात एसएसएफ की दो बटालियन अयोध्या पहुंची. अयोध्या के सीओ एसके गौतम समेत पुलिस अफसरों ने जवानों को गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
अब इन जवानों की एक सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग होगी. ट्रेनिंग के बाद श्री राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था उनके हवाले हो जाएगी. अयोध्या के सीओ एसके गौतम के अनुसार राम जन्मभूमि की सुरक्षा में 280 एसएसएफ के जवान तैनात होंगे।
इन जगहों की सुरक्षा भी होगी एसएसएफ के हवाले
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि परिसर के बाद काशी और मथुरा के मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी एसएसएफ संभालेगी. यही नहीं प्रदेश के हवाई अड्डों की सुरक्षा में भी एसएसएफ की तैनाती की जाएगी. इस स्पेशल फोर्स के गठन के समय ही इसका उद्देश्य और जिम्मेदारी तय कर दी गई थी. लिहाजा अब अयोध्या में रामलला की सुरक्षा समेत प्रदेश के संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा में इन्हें तैनात किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अब तक सीआरपीएफ और पुलिस संभालती थी सुरक्षा
रामलला की सुरक्षा में सबसे भीतरी और अंतिम भाग की सुरक्षा पूरी तरह सीआरपीएफ के हाथ में है. इसके लिए एक महिला बटालियन समेत सीआरपीएफ की 6 बटालियन मौजूदा समय में तैनात है. वहीं पीएसी की 12 कंपनी भी राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में लगाई गई है।
रामलला की सुरक्षा में भी सीआरपीएफ के कमांडो तैनात होते हैं. वहीं मंदिर के बाहरी हिस्से और चेकिंग प्वाइंट पर सिविल पुलिस के महिला और पुरुष पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. श्री राम जन्मभूमि परिसर को रेड जोन कहा जाता है और इसके बाहरी भाग को यलो जोन के नाम से जाना जाता है. यलो जोन की सुरक्षा सिविल पुलिस और पीएसी के हाथों में रहती है. इसके लिए पीएसी की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई है।
2024 में राम मंदिर के शुभारंभ की वजह से सुरक्षा में बदलाव
अयोध्या में एसएसएफ की तैनाती जनवरी 2024 में भव्य मंदिर में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा है. इसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे. लिहाजा क्राउड मैनेजमेंट और गहन सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता होगी. इसलिए अलग-अलग फोर्स से सर्वश्रेष्ठ जवानों को चुनकर इस स्पेशल फोर्स का गठन किया गया है।
अयोध्या के सुरक्षा ढांचे में होगा बड़ा बदलाव
अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जितनी भीड़ मौजूदा समय में आ रही है आने वाले सालों में वह निरंतर बढ़ती जाएगी. लिहाजा श्री राम जन्मभूमि परिसर के साथ अयोध्या शहर के सुरक्षा ढांचे में भी चरणबद्ध तरीके से बदलाव किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई परेशानी न आए इसलिए फिजिकल जांच के बजाय एक्सरे मशीन समेत आधुनिक सुरक्षा उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसी के साथ अयोध्या के कई स्थानों पर वाच टावरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और अयोध्या के संवेदनशील स्थलों को सीसीटीवी कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा ताकि इन स्थानों पर लगातार निगाह रखी जा सके. सरयू में मोटर बोट सवार जल पुलिस के जवानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. श्री राम जन्मभूमि परिसर के साथ-साथ अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में आने वाले दिनों बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।