कोरोना वायरस के कहर के बीच एक बार फिर से प्रदेशों में रह रहे प्रवासी श्रमिक घरों की ओर लौटने लगे हैं, जिसकी वजह से अब ट्रेनों में भीड़ देखी जा सकती है। कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक आवागमन पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए यहां लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर कई लोग एकत्र हो गए। मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है।
रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। कोविड-19 की अप्रत्याशित लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अगले 15 दिन के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक पाबंदियां जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू रहेगी।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘केवल उन यात्रियों को विशेष ट्रेन पर चढ़ने की अनुमति है जिनके पास पहले से आरक्षित टिकट है और उन्हें ट्रेन के खुलने के समय से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा।’ उन्होंने कहा कि मध्य रेलवे ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची और किसी खास गंतव्य स्थान के लिए टिकट की मांग पर लगातार नजर रख रहा है।बता दें कि पिछले एक हफ्ते से दिल्ली, मुंबई और गुजरात के विभिन्न शहरों से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान की तरफ जाने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिस तरह से विभिन्न राज्यों में आंशिक या कुछ दिनों के लिए अलग क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं, उससे घबराए मजदूर अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं।
सबसे ज्यादा दबाव मुंबई के स्टेशनों पर देखा जा रहा है, हालांकि पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे ने पहले से ही काफी तैयारी कर रखी है। लेकिन एक ही दिन अचानक भीड़ से उनको भी दिक्कतें आ रही हैं। वेट लिस्ट बढ़ने पर अतिरिक्त ट्रेनों को चलाने की तैयारी भी है, लेकिन अनारक्षित यात्रियों के पहुंचने से भीड़ बढ़ रही है।ऐसे में रेलवे राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाए हुए है और उसकी कोशिश है कि एक समय में स्टेशन पर ज्यादा भीड़ न हो। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर राज्य सरकारें चाहेंगी तो रेलवे पिछली साल की तरह श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने को भी तैयार है। हालांकि अभी वैसी स्थिति नहीं है। इस बीच रेलवे ने पिछले साल तैयार किए अपने विशेष आइसोलेशन कोच को भी तैयार कर रखा है ताकि अगर राज्य सरकार मांग करती हैं तो विभिन्न स्टेशनों पर उनको भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।