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पैंगोंग के बाद आज हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से भी सैनिकों को पीछे हटाने की बनेगी रणनीति

पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी के बाद शनिवार को भारत और चीन के बीच दसवें दौर की बैठक हो रही है। इस बैठक में पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग क्षेत्रों से भी सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर चर्चा होगी। यह बैठक एलएसी पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा बिंदु पर होगी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन करेंगे जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।

ज्ञात हो कि अभी तक पैंगोंग झील के उत्तरी-दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी, अस्त्र-शस्त्रों और सैन्य साजो-सामान और बंकरों, तंबुओं और अस्थायी निर्माणों को हटाने का काम को पूरा हो चुका है। चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह कहा कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए थे। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच एलएसी पर गतिरोध शुरू हो गया। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे। भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से सैन्य गतिरोध है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है।

 

चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा। भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। इसी तरह का कदम पैंगोंग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाना है। पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक होगी। दोनों देशों के सैनिक समझौते के अनुरूप पीछे लौट गए हैं। सैन्य वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी।

दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था। गतिरोध के बाद दोनों पक्षों ने सैनिकों और घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी। गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने मंगलवार को वीडियो जारी किए थे जिनमें पैंगोंग क्षेत्र में चीनी सैनिक वापस जाते, अपने बंकरों को तोड़ते, शिविरों और अन्य ढांचे को हटाते दिखाई दिये थे।