अखिलेश यादव के शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के ठिकानों पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने छापेमारी की. जानकारी के अनुसार लखनऊ, सुल्तानपुर और अमेठी के ठिकानों पर ईडी की टीमें छापेमारी कर रही हैं. इनमें गायत्री के घर, बेटे के दफ्तर पर ये छापेमारी जारी है.
बता दें गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दिनों करीब एक हफ्ते जमानत से बाहर रहने के बाद वे एक बार फिर जालसाजी के मामले फंस गए हैं. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति पर भी शिकंजा कस दिया है. जानकारी के अनुसार ईडी की पूछताछ में गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति ने कई राज उगले हैं. कई शेल कंपनियों को लेकर अनिल से ईडी ने पूछताछ की. इस दौरान ईडी को शेल कंपनियों के साथ करोड़ों के ट्रांजेक्शन से जुड़े सबूत मिले. गायत्री प्रजापति के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं. इसके अलावा खनन घोटाले के मामले में भी उनसे पूछताछ हुई.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अवैध खनन से अर्जित धन से गायत्री प्रजापति ने महाराष्ट्र के पुणे में कई संपत्तियां खरीदीं. अब ईडी पुणे के रजिस्ट्री ऑफिस से दस्तावेज हासिल करेगी. इसके साथ ही शेल कंपनियों के साथ ट्रांजेक्शन के भी सबूत मिले हैं. गायत्री और उसके परिवार से जुड़ी 15 कंपनियों के सुराग ईडी को मिले हैं. 11 कंपनियां गायत्री प्रजापति के नाम पर बताई जा रही हैं. बाकी कंपनियां पत्नी और बेटे के नाम पर हैं.
इसके अलावा यह भी पता चला है कि बेटे की कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ में बड़ी ख़रीद की है. एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ के मोहनलालगंज में 110 बीघा ज़मीन ख़रीदी. एक बीघे जमीन की कीमत एक करोड़ बताई जा रही है. गायत्री के बेटे पूछताछ के दौरान पुणे में महंगा रो-हाउस खरीदने की बात कबूली है. बता दें यूपी के कई जिलों में हुए खनन घोटाले से जुड़े मामलों की जांच ईडी कर रही है. गायत्री प्रजापति सपा सरकार में खनन मंत्री थे.