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पुलिस पूछताछ में नौशाद का चौंकाने वाला खुलासा, आतंकी आरिफ ने ही आतंक की दुनिया में कराया था शामिल

राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े संदिग्ध आतंकियों में से नौशाद को लालकिला शूटआउट मामले में मौत की सजा पाए आरिफ ने आतंक की दुनिया से जोड़ा था। आरिफ ने ही उसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक अन्य आतंकी सोहेल उर्फ हैदर के जरिये पाकस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नेटवर्क में भी शामिल कराया। यह खुलासा स्पेशल सेल द्वारा की गई पूछताछ में संदिग्ध आरोपी नौशाद ने किया है। पूछताछ के दौरान उसने कई और भी चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

जेल में आरिफ से मिला था नौशाद :
स्पेशल सेल सूत्रों (Special Cell Sources) की मानें तो जहांगीरपुरी इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए उसने जितेंद्र डाबला की हत्या की थी। इस मामले में वह जेल में पहुंचा तो वहां उसकी मुलाकात लश्कर-ए-तयब्बा के पाकिस्तानी आतंकी (Pakistani terrorists) असफाक उर्फ आरिफ और हरकत-उल-अंसार के नदीम से हुई थी। इसमें आरिफ को लाल किला शूटआउट मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में आरिफ ने उसे लश्कर-ए-तैयबा के एक अन्य आतंकवादी सोहेल उर्फ हैदर से मिलवाया, जिसे कश्मीर जेल (Kashmir Jail) से स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद पकड़े गए नौशाद ने आतंक की दुनिया में कदम रख दिया था। इतना ही नहीं आरिफ के जरिये वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) के नदीम के सम्पर्क में भी आया। उसके कहने पर ही जेल से बाहर आकर आतंकी वारदातों को अंजाम देने में जुट गया।

उधर, सोहेल वर्ष-2013 में बाहर निकलने के बाद पाकिस्तान चला गया और वहीं से लश्कर के लिए काम कर रहा है, जबकि नौशाद को जेल भेज दिया गया। 2018 में सजा समीक्षा बोर्ड ने नौशाद को जब रिहा किया तो उसने बाहर आते ही सीधे लश्कर आतंकी सोहेल से संपर्क किया। पाकिस्तान से ही उसने कथित आतंकियों नौशाद और जगजीत उर्फ जग्गा दिल्ली व आसपास के इलाकों में आतंकियों और गैंगस्टर के लिंक से एक नया गठजोड़ तैयार करने के निर्देश दिए थे।

आकाओं ने टार्गेट पूरा करने का निर्देश दिया
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी व कनाडा के आकाओं ने दिल्ली-पंजाब में तीन नेताओं को टार्गेट करने का निर्देश दिया था। इसमें पंजाब और दिल्ली के तीन नेता शामिल हैं, जिनकी हत्या की साजिश रची गई थी। इनमें दो हिंदू और एक सिख नेता हैं। ये तीनों ही नेता खालिस्तान के खिलाफ काफी मुखर रहते हैं। इसलिए इन्हें निपटाने का निर्देश दिया गया था। दोनों ने इनकी रेकी भी कर ली थी। इन्हें 27 और 31 जनवरी के बीच मारने वाले थे। हिंदुस्तान के पास तीनों नेताओं के नाम भी हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से नामों का खुलासा नहीं किया जा रहा है। इन तीनों की हत्याओं के के लिए इन्हें कुल 3 करोड़ देने का वायदा किया गया था। पहली हत्या पर 50 लाख, दूसरी पर 1 करोड़ और तीसरी पर 1.5 करोड़ रुपए मिलने वाले थे। इसके लिए दोनों आकाओं ने दिल्ली में स्लीपर सेल को एक्टिव भी कर दिया था।

12 जनवरी को पकड़े थे दोनों संदिग्ध
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी से पहले कुछ लोगों के संदिग्ध रोल के बारे में जानकारी मिली थी। सूचना के आधार पर टीम ने 12 जनवरी को जहांगीरपुरी इलाके से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान यह पता चला कि ये लोग टार्गेट किलिंग का प्लान कर रहे थे, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया था।

आतंकियों व गैंगस्टरों से जुड़े
पूछताछ में संदिग्धों ने यह भी खुलासा किया कि ये दोनों पाकिस्तान में हरकत उल अंसार के नज़ीर भट, नासिर खान, नज़ीर खान के अलावा हिजबुल मुजाहिद्दीन के नदीम समेत गैंगस्टर नेटवर्क के कुख्यात सुनील राठी, इरफान उर्फ छेनू, हाशिम बाबा, इबले हसन और इमरान पहलवान गैंग के संपर्क में थे। नौशाद को पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई की तरफ से आतंकी नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर में खड़ा करने की जिम्मेदारी मिली थी।