रूस की प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर ग्रुप’ की सेना यूक्रेन के खिलाफ एक बार फिर से आक्रामक हो गई है। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने दावा किया है कि उनकी सेना ने यूक्रेनी शहर सोलेदार पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह जीत पिछली गर्मियों के बाद मास्को की पहली बड़ी युद्धक्षेत्र सफलता होगी। बता दें कि वैगनर ग्रुप में भाड़े के सैनिक काम करते हैं जो पैसे लेकर कई युद्ध में भाग लेते हैं।
प्रिगोझिन ने दावा करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों ने यूक्रेनी सैनिकों को शहर के केंद्र में घेर लिया था और बीच सड़क पर लड़ाई हुई। हिरासत में लिए गए कैदियों की संख्या की घोषणा कल की जाएगी। हालांकि, पूर्वी यूक्रेन में एक रूसी प्रॉक्सी अधिकारी डेनिस पुशिलिन ने रूस के चैनल वन को बताया कि सोलेदार को कब्जे में ले लिया गया था। वर्तमान समय में, मेरे पास जो जानकारी है, उसके अनुसार सोलेदार का केंद्र पहले से ही वैगनर इकाइयों के नियंत्रण में है।
प्रिगोझिन ने जारी की तस्वीर
प्रिगोझिन ने वैगनर लड़ाकों से घिरे अपनी एक तस्वीर जारी की, जो सोलेदार की नमक खदानों में से एक प्रतीत होती है। तस्वीर के स्थान को सत्यापित करना तुरंत संभव नहीं था और प्रिगोझिन के दावों की यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन कीव और पश्चिमी राजधानियों में हाल के दिनों में सुझाव दिए गए थे कि सोलेदार का पतन तय था।
सोलेदार का अधिकांश हिस्सा पहले से ही रूसी नियंत्रण में : ब्रिटेन रक्षा मंत्रालय
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (MoD) ने मंगलवार को पहले अपने दैनिक ब्रीफिंग में कहा था कि सोलेदार का अधिकांश हिस्सा पहले से ही रूसी नियंत्रण में होने की संभावना है। लड़ाई का हिस्सा 200 किमी लंबी अनुपयोगी नमक खदान सुरंगों के प्रवेश द्वार पर केंद्रित है जो जिले के नीचे चलती हैं। दोनों पक्षों को इस बात की चिंता है कि उनका इस्तेमाल उनकी सीमा के पीछे घुसपैठ के लिए किया जा सकता है।
क्या है वैगनर ग्रुप
वैगनर ग्रुप एक रूसी प्राइवेट आर्मी है जिसे भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क या अक्सर रूसी राष्ट्रपति पुतिन की निजी सेना कहा जाता है। वैगनर ग्रुप को अमेरिकी सैन्य अधिकारी एक खूंखार सैन्य संगठन बताते हैं जो यूक्रेन में रूसी सेनाओं का साथ दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस के वैगनर समूह के 400 से अधिक भाड़े के सैनिकों को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की हत्या के लिए कीव भी भेजा गया था।