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पीएम मोदी पर जनता का भरोसा नहीं, शरद पवार बोले- 50 फीसदी सीटों पर जीत रही MVA

एनसीपी (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार (President Sharad Pawar)ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi)का विश्वास इस बार डगमगा गया है इसीलिए वह महाराष्ट्र (Maharashtra)पर ज्यादा फोकस (more focus)कर रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि इस बार महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र में कम से कम 50 फीसदी सीटें जीत रहा है। वहीं वंशवाद के आरोपों पर पवार ने कहा कि एक डॉक्टर का बेटा अगर डॉक्टर बन सकता है तो राजनेता का बेटा राजनेता क्यों नहीं बन सकता। बाकी उसकी सफलता और असफलता उसकी क्षमता पर निर्भर करती है।

मां-बाप के चरणचिह्नों पर चलना कोई अपराध नहीं

मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, मां-बाप के चरणचिह्नों पर चलना कोई अपराध नहीं है। 400 पार के दावे को लेकर पवार ने कहा कि यह बहुत ही अजीब दावा है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि किस आधार पर यह नारा दिया गया है। मुझे तो यह भी शक है कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े तक पहुंच पाएगी। दक्षिणी राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन ना के बराबर है। वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में भी इस बार स्थिति अच्छी नहीं है।

जीते हुए सांसदों को ही पीएम का चहरा चुनना है

उन्होंने कहा, चार चरणों के मतदान के मुताबिक मोदी की अगुआई वाले गठबंधन को हराना कोई बड़ी बात नहीं है। जहां तक बात है हमारे प्रधानमंत्री पद के चेहरे की तो चुने हुए सांसद ही इसका फैसला करेंगे। कुछ दशक पहले मोरारजी देसाई सांसदों को सांसदों ने ही प्रधानमंत्री के रूप में चुना था। तब जयप्रकाश नारायण ने नई सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

हमारी प्राथमिकता एक स्थायी सरकार देने की होगी: शरद

शरद पवार ने कहा कि हमारी प्राथमिकता एक स्थायी सरकार देने की होगी। इसके अलावा कृषि उत्पादों की अच्छी कीमत देने, बेरोजगारी के खिलाफ कदम उठाने और किसानों की खुदकुशी रोकने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियों की बेबुनियाद कार्रवाई रोकी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार पीएम मोदी का विश्वास खत्म हो गया है इसलिए वे महाराष्ट्र में खूब प्रचार कर रहे हैं। पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसी प्रधानमंत्री केवल एक या दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया करते थे।

उन्होंने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में 50 फीसदी सीटों पर महाविकास अघाड़ी की जीत होने जा रहा है। मुझे हैरानी है कि जिस तरह की भाषा प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार में इस्तेमाल कर रहे हैं, वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है।