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पायलट के बागी तेवर ने अब छत्तीसगढ़ में मचाया कोहराम, आपस में भिड़े CM बघेल और उमर अब्दुल्ला

राजस्थान का सियासी संग्राम अब और कई मसलों से जोड़कर देखा जाने लगा है. हाल ही में अपनी पार्टी के खिलाफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बागी तेवर को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की रिहाई से लिंक किया जा रहा है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Chhattisgarh) के सवाल का अब उमर ने जवाब दिया है. दरअसल नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की तरफ से जारी किए गए ऑफिशियल बयान को अपने ट्विटर पर साझा करते हुए उमर अब्दुल्ला का कहना है कि सचिन पायलट के फैसले को मेरी और मेरे पिता की रिहाई से जोड़ना सही नहीं है बल्कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. अब मैं इस तरह के लगाए जा रहे आरोपों से परेशान हो गया हूं. लेकिन अब बहुत हो गया है.

इतना ही नहीं अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए उमर अब्दुल्ला ने ये भी लिखा है कि मिस्टर भूपेश बाघेल (CM Bhupesh Baghel) आप जो सवाल उठा रहे हैं उसका जवाब मेरे वकीलों से आपको मिल जाएगा. जैसे ही उनका ये ट्वीट वायरल हुआ, वैसे ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बाघेल ने फिर से इसका पलटवार किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, कृपया लोकतंत्र के त्रासद अवसान को अवसरवादी पल न बनाएं. आरोप मात्र सवाल हैं जो हम और बाकी देश के लोग आपसे इसी तरह पूछते रहेंगे.

भूपेश के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उमर ने एक और ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि, कांग्रेस पार्टी के साथ आज के समय में ये सबसे बड़ी दिक्कत है. क्योंकि आप जैसे लोग अपने विपक्षी दोस्तों के बारे में कोई जानकारी नहीं रखते हैं. इसलिए आपके उठाए गए सवाल बिना चुनौती दिए तो नहीं बख्शे जाएंगे. ऐसे में आप अपने जवाबों को मेरे वकीलों के पास भेज सकते हैं.

दरअसल नेकां की ओर से इस मसले में जारी किए बयान में बताया गया है कि, पार्टी ऐसे किसी भी तरह के दुर्भाग्यपूर्ण, झूठे और राजनीतिक तौर पर प्रेरित बयानों को अस्वीकार करती है. बघेल का दिया बयान सिर्फ झूठा ही नहीं बल्कि ये उमर अब्दुल्ला की प्रतिष्ठा के लिए भी अपमान से कम नहीं हैं. यहां तक कि ये बात हर कोई जानता है कि उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को अवैध मानते हुए सरकार के इस फैसले को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से हुई न्यायिक हस्तक्षेप के बाद उनकी रिहाई भी हुई थी. लेकिन बयान में ये स्पष्ट किया गया था कि वकीलों के साथ बातचीत करने के बाद ही किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.