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Hariyali Teej 2020ः इस खास दिन हुआ था मां पार्वती और शिव का पुर्नमिलन, जानिए हरियाली तीज का शुभ-मूहुर्त

Hariyali Teej 2020: सावन का महीना तीज-त्योहारों का होता है. चारों तरफ हरियाली और सावन के सुंदर गीत गाए जाते हैं. हर कोई शिव भक्ति में लीन नजर आता है. सावन में जिस तरह सोमवार का महत्व होता है उसी तरह हरियाली तीज का भी काफी महत्व होता है. इस बार हरियाली तीज का त्योहार 23 जुलाई के दिन धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. वैसे तो ये त्योहार खासतौर से शादीशुदा महिलाओं के लिए होता है लेकिन इस त्योहार का इंतजार कुंवारी लड़कियों को भी बेसब्री से होता है. तीज के व्रत के साथ लड़कियां और महिलाओं सावन का गाना गाते हुए झूला झूलती हैं.

मिलता है सौभाग्य
ऐसी मान्यता है कि, जो भी महिला तीज का व्रत करती है और मां पार्वती व भगवान शिव की पूजा करती है. उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरियाली तीज का उपवास करवाचौथ से भी ज्यादा कठिन माना जाता है.hariyali teej 2020इस दिन पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं जिसमें न तो पानी ग्रहण करती हैं और न ही भोजन. तो चलिए जानते हैं हरियाली तीज पूजा का शुभ-मुहूर्त और विधि.

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त का आरंभ श्रावण तृतीया 22 जुलाई शाम 7 बजकर 23 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 23 जुलाई शाम 5 बजकर 4 मिनट पर होगी.

हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली तीज वाले दिन प्रातः स्नान आदि कर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर सच्चे मन से व्रत का संकल्प लें. पूजा-स्थल की भी अच्छे से साफ-सफाई करें. इसके बाद पूजा-स्थल पर ही एक चौकी या पटरी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा के साथhariyali teej 2020 1उनकी सखियों की सुंदर प्रतिमा अपने हाथों से बनाएं. फिर मां पार्वती को श्रृंगार का सारा सामान अर्पित करें और भोले शंकर को वस्त्र अर्पित कर पूजा करें. फिर हरियाली तीज की कथा सुनें और सुनाएं.

क्या है हरियाली तीज का महत्व
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इसी पावन दिन पर भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इसका उल्लेख शिवपुराण में भी किया गया है. यही कारण है कि,hariyali teej 2020 2सावन के इस पवित्र दिन पर सुहागिन महिलाएं शिवजी और पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और दांपत्य जीवन खुशहाल होने की कामना करती हैं. हरियाली तीज पर कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना करते हुए भगवान शिव की पूजा करती हैं. इस त्योहार को देश के अलग-अलग हिस्सों में धूमधाम के साथ मनाया जाता हैय

मेंहदी से प्रसन्न हुए थे भगवान शिव
हरियाली तीज पर जब मां पार्वती और भोले शंकर का पुनर्मिलन हुआ था तो शिव ने पार्वती को अपनी पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान भी दिया था. वहीं मां पार्वती ने भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए और पति के रूप में पाने के लिए हाथों में सुंदर मेंहदी रचाई थी.hariyali teej 2020 3ऐसा कहा जाता है कि, देवी पार्वती के हाथों में रची मेंहदी को देखकर भोले शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था.