पाकिस्तान की टैक्स एजेंसी के पूर्व प्रमुख शब्बर जैदी ने कहा है कि देश दिवालिया हो गया है और सरकार देश की समृद्धि के बारे में झूठ बोल रही है। उन्होंने ये बातें हमदर्द विश्वविद्यालय में देश की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए कही।
दरअसल, पाकिस्तान की टैक्स एजेंसी फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के पूर्व प्रमुख शब्बर जैदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बयान बीते बुधवार को हमदर्द विश्वविद्यालय में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए का है। फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देश बेहद चिंताजनक स्थिति में है। सरकार जो बातें कह रही है कि देश समृद्धि कर रहा है, वो सरासर गलत और झूठ है।
वायरल वीडियो में जैदी कह रहे हैं, “हम कहते रहते हैं कि सब कुछ अच्छा है, देश अच्छा चल रहा है, हमने बड़ी सफलता हासिल की है और हम तबदीली (परिवर्तन) लाए हैं लेकिन यह गलत है। मेरे विचार में देश इस समय दिवालिया है और ये सरकार के लिए चिंता का विषय है।” जैदी आगे कहते हैं, “यह बेहतर है कि आप पहले तय करें कि हम दिवालिया हो गए हैं और हमें यह कहने की तुलना में आगे बढ़ना है कि सब कुछ ठीक चल रहा है और मैं यह और वह करूंगा। ये सभी चीजें लोगों को धोखा देने के लिए हैं।”
उनके भाषण का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हालांकि शुक्रवार को, जैदी ने एक स्पष्टीकरण जारी किया कि अपनी टिप्पणियों पर सफाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैंने विवि में अपना भाषण करीब डेढ़ घंटे तक बोला था, लेकिन बीच में तीन मिनट का वीडियो बनाकर उससे छेड़छाड़ की कोशिश की गई है। सभी से अनुरोध है कि मेरा पूरा भाषण सुनने के बाद ही प्रतिक्रिया दें।”
गौरतलब है कि जैदी के बयान ने पाकिस्तान की चरममराती अर्थव्यवस्था की पोल खोल दी है। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद खराब दौर से गुजर रही है। देश रिकॉर्ड मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है, यही वजह है कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही हैं। पिछले हफ्ते, पाकिस्तानी रुपया छह महीने में डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य का 15 प्रतिशत गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
पाकिस्तानी अधिकारियों को डर है कि बढ़ते आयात बिल से विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो जाएगा और अर्थव्यवस्था और भी अस्थिर हो जाएगी। इसके अलावा, भुगतान संतुलन संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है।
इससे पहले जुलाई 2019 में पाकिस्तान और आईएमएफ ने $ 6 बिलियन के लिए 39-महीने की विस्तारित फंड सुविधा पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन यह कार्यक्रम काफी हद तक बंद रहा, जिसके परिणामस्वरूप दो वर्षों में केवल $ 2 बिलियन का संवितरण हुआ। वहीं, 2018 के बाद से पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों पर अंकुश लगाने में असमर्थ होने के कारण पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची में आ गया है।
इस्लामाबाद स्थित स्वतंत्र थिंक-टैंक, तबादलाब के अनुसार, FATF प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तान को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 38 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।