पाकिस्तान में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, जबरन धर्मांतरण और उनकी हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ईशनिंदा कानून तो देश में अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढहाने का सबसे बड़ा हथियार बनकर उभरा है। हाल ही में हैदराबाद में इससे जुड़े एक फर्जी मामले में हिंदू समुदाय के अशोक कुमार को न सिर्फ हिंसक भीड़ ने निशाना बनाया बल्कि पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान मानवाधिकार के मुताबिक, अकेले 2021 में देशभर में ईशनिंदा के आरोप में 585 लोगों की गिरफ्तारी हुई। वहीं, धार्मिक आधार पर 100 से ज्यादा मामले धार्मिक अहमदिया समुदाय के खिलाफ दर्ज हुए। इनमें तीन अल्पसंख्यकों की तो अलग-अलग जगहों पर मौत के घाट उतार दिया गया।
हिंदू व ईसाई को ज्यादा बनाया जा रहा निशाना
जबरन धर्मांतरण के मामले देखें तो पंजाब प्रांत में यह तीन गुना बढ़े हैं। 2020 में 13 तो 2021 में ऐसी 36 घटनाएं दर्ज हुईं। इसके अलावा, सिंध के विभिन्न इलाकों में भी बीते साल धर्मांतरण के मामले सामने आए और हिंदू और ईसाई सबसे ज्यादा शिकार बने हैं।
हिंदू लड़कियों का अपहरण कर मुस्लिम बनाने के मामलों में तेजी
मानवाधिकार विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं समेत अल्पसंख्यक परिवारों के खिलाफ अत्याचार के पैटर्न में तेजी आई है। खासतौर पर, पिछले कुछ वर्षों में हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनसे अदालत में मुस्लिम युवक से प्रेम विवाह कबूल कराकर उनका धर्मांतरण करने के ढेरों मामले सामने आए हैं।