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पाकिस्तान के PM तो बन गए शहबाज, लेकिन सहयोगियों ने कर दी ‘नींद हराम’

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सकती है, जो पांच दिनों के कार्यकाल के बाद भी अपनी कोर टीम को अंतिम रूप देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

11 अप्रैल को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले शहबाज के साथ किसी और मंत्री ने शपथ नहीं ली थी. बताया जा रहा है कि शहबाज मंत्रिमंडल के गठन पर गठबंधन के सभी सहयोगियों को मनाने में असमर्थ हैं. हालांकि जरदारी ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी चाहती है कि शहबाज सरकार में गठबंधन सहयोगियों को शामिल किया जाए.

जरदारी ने नेशनल असेंबली के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम कोई मंत्रालय ले रहे हैं. हम अपने दोस्तों (गठबंधन के साझेदारों) को मौका देना चाहते हैं. बता दें कि पीपीपी ने पहले ही अपनी पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के लिए नेशनल असेंबली अध्यक्ष का पद पहले ही ले लिया है, जो निर्विरोध चुने गए थे. अब पार्टी की नजर सीनेट के अध्यक्ष के पद पर भी है, जो राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद है.

जरदारी दोबारा बनना चाहते हैं राष्ट्रपति
विभिन्न राजनीतिक हलकों से आ रही रिपोर्टों से पता चलता है कि मौजूदा राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के इस्तीफा देने या हटाए जाने के बाद जरदारी खुद को देश के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के लिए जोर दे रहे हैं. पीपीपी पार्टी को पंजाब के राज्यपाल का पद भी मिलना तय है, जो देश का सबसे बड़ा प्रांत है.

कैबिनेट पदों का त्याग करके जरदारी अपने करीबी सहयोगियों के लिए सभी प्रमुख संवैधानिक पदों पर कब्जा कर सकते हैं. उधर, शहबाज इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पीपीपी को उनके मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहिए. सोर्सेज के अनुसार, जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मामलों सहित प्रमुख मंत्रालयों की पेशकश करने के लिए तैयार हैं.

सऊदी के प्रिंस ने शहबाज को रियाद बुलाया
उधर, सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन किया और उन्हें जल्द से जल्द रियाद का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सऊदी अरब के साथ मिलकर काम करने की बात कही.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, सऊदी क्राउन प्रिंस शाहबाज को फोन करने वाले पहले विदेशी नेता है. सऊदी अरब पाकिस्तान की प्रमुख आर्थिक जीवन रेखा बना हुआ है. सऊदी ने पाकिस्तान की मदद के लिए कई पैकेज दिए हैं.

फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या शहबाज शरीफ रियाद के दौरे के दौरान किसी वित्तीय पैकेज की मांग करेंगे क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के एक सीनियर नेता ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान सऊदी अरब के साथ बिगड़े संबंधों को ठीक करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य होगा.