पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया है कि वह किसी हालत में संसद में नहीं बैठेंगे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संसदीय दल की बैठक में इमरान खान ने कहा कि वह चोरों के साथ नहीं बैठेंगे। बताया जा रहा है कि इसी बैठक में सभी पीटीआई सांसदों के सामूहिक इस्तीफे का फैसला किया गया है। इस बीच आज शाहबाज शरीफ पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। इस बीच कई सांसदों ने इस्तीफा देना शुरू भी कर दिया है।
जिओ न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा, ‘हम किसी भी स्थिति में संसद में नहीं बैठेंगे।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लूटने वाले चोरों के साथ पीटीआई के सांसद नहीं बैठेंगे जिन्हें विदेशी शक्तियों ने आयात किया है।’ माना जा रहा है कि इमरान खान ने सेना और सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए यह फैसला लिया है। इस बीच सूत्रों ने यह भी बताया कि ज्यादातर सांसदों ने इस इस्तीफे का विरोध किया है। उनका कहना था कि हमें एक मजबूत विपक्ष की तरह से काम करना चाहिए।
संयुक्त विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के बाद पाकिस्तान में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ सोमवार को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का सत्र सोमवार को प्रधानमंत्री चुनने के लिए बुलाया जाएगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष 70 वर्षीय शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को इस पद के लिए अपना अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट डिवीजन ने संघीय कैबिनेट के 52 सदस्यों, 25 संघीय मंत्रियों, चार राज्य मंत्रियों, प्रधानमंत्री के चार सलाहकारों और 19 विशेष सहायकों को गैर-अधिसूचित किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ संयुक्त विपक्ष द्वारा रविवार को ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव के बाद शीर्ष पर पहुंचने की संभावना रखने वाले शरीफ ने कहा कि सभी सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही नया मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। चूंकि पीटीआई कोर कमेटी की रविवार को खान की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं हुआ कि सांसद सामूहिक इस्तीफादेंगे या नहीं। पार्टी अध्यक्ष ने अंतिम निर्णय लेने के लिए सोमवार को संसद भवन में संसदीय दल की बैठक बुलाई है। कुरैशी प्रीमियर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे या पीटीआई और उसके सहयोगियों के अन्य सांसद के साथ इस्तीफा देंगे, यह पीटीआई संसदीय बैठक के नतीजे पर निर्भर करता है। हालांकि, अगर पीएमएल-एन ने संसद में चुनाव जीता तो पीटीआई ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से आगामी सरकार को कड़ी टक्कर देने का फैसला किया है।