पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। हाल ही में तीन नेताओं ने टीएमसी का दामन छोड़ दिया है। इनमें से सबसे पहला नाम है शुभेंदु अधिकारी जोकि ममता बनर्जी के काफी खास थे, दूसरा नाम जितेंद्र तिवारी का है और तीसरे हैं शीलभद्र दत्त। तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायक जितेंद्र तिवारी अब ममता सरकार पर जमकर बरस रहे हैं। आसनसोल से कोलकाता के लिए रवाना होने से पहले जितेंद्र तिवारी ने बताया ‘जब राज्य सरकार को लगा कि मेरा जीवन कीमती है, तो इसने मुझे सुरक्षा दी। तो अब सरकार को लगता है कि मेरी जिंदगी का कोई मूल्य नहीं है, इसी कारण मेरी सुरक्षा हटा दी गई है।’ आपको बता दें कि जितेंद्र तिवारी के साथ टीएमसी के दो अन्य बागी नेता भी कोलकाता के लिए रवाना हो चुके हैं।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि शुभेंदु अधिकारी के साथ जितेंद्र तिवारी और अन्य टीएमसी के बागी नेता बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान भाजपा में शामिल होने वाले हैं। आपको बता दें कि टीएमसी को दो दिनों में शुभेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी और बैरकपुर से टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्त के रूप में तीन जबरदस्त झटके लगे हैं।
आसनसोल के विधायक जितेंद्र तिवारी ने इस बात से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया क्योंकि केंद्र द्वारा जारी फंड का सही प्रयोग नहीं हो रहा था। इस पहले उन्होंने टीएमसी के पश्चिम बर्द्धमान जिला अध्यक्ष का पद भी त्याग दिया था। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ‘कुछ साल पहले तक जितेंद्र तिवारी कौन थे? उन्हें कोई नहीं जनता था वह आज जो भी हैं केवल पार्टी के कारण हैं। यदि वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं तो एक ‘गद्दार’ और मौसम के हिसाब से अपना रुख बदलने वाले से अधिक कुछ भी नहीं हैं।
बता दें बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृह अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को दो दिन के लिए बंगाल दौरे पर जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस दौरान ममता के कई बागी नेता भाजपा का हाथ थाम सकते हैं। नंदीग्राम से ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाने वाले शुभेंदु अधिकारी भी अब भाजपा का दामन थमने जा रहे हैं।