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पति और पत्नी गिरफ्तार, साइबर अपराध करने में है एक्सपर्ट

बिहार की राजधानी पटना (Patna Bihar) से सटे दानापुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में फुलवारी शरीफ के इशोपुर के रहने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ​इन्होंने छ​त्तीसगढ़ के कोरिया जिले के जिलाधिकारी कार्यालय का चेक क्लोन कर 1 करोड़ 29 लाख रुपये पार कर दिए. इन दोनों को छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की चरचा थाने की पुलिस ने फुलवारीशरीफ पहुंचकर गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि इन दोनों आरोपियों के खिलाफ चरचा थाने में केस दर्ज है.

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रविवार को ही दोनों को कोर्ट में पेश किया, उसके बाद इन्हें छत्तीसगढ़ लेकर रवाना हो गई. इस मामले में चरचा थाने के पुलिस पदाधिकारी सौरभ द्विवेदी ने बताया कि पकड़े गए दोनों अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य हैं. इनका गिरोह काफी बड़ा है. ये लोग बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मुंबई जैसे प्रांत में अपने कांड को अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने काफी लंबा जाल फैलाया हुआ है. कई तरह के साइबर ठगी के मामले अंजाम देते हैं. अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार पति पत्नी शामिल हैं. इनके अलावा और भी आरोपी हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद बाकी शातिरों की तलाश की जाएगी. इस गिरोह का काम है कि ये पहले किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर वहां का हालचाल लेते हैं. उसके बाद कोई चेक नजर में आते ही उसकी तस्वीर खींच लेते हैं. उसके बाद चेक की क्लोनिंग करने के बाद उसके अमाउंट की निकासी करते हैं. ये गैंग एकाउंट हैक भी करता है और पैसे उड़ा देता है. इन लोगों ने साइबर क्राइम के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के जिलाअधिकारी के कार्यालय का चेक क्लोन कर लिया. उसके बाद अकाउंट को हैक कर एक करोड़ 29 लाख रुपए की निकासी कर ली.

गिरोह के लोग साइबर ठगी करते हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. अभी तक बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत कई प्रांतों से लगभग 8 लोगों को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच पड़ताल चल रही है. इनके द्वारा ठगे गए पैसे अभी तक वापस नहीं मिले हैं. उसके लिए प्रयास चल रहा है. पुलिस ने सुरक्षा कारणों से दोनों के नाम बताने से इनकार किया. पुलिस का कहना है कि पहले जांच की जाएगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.