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नौकरी छोड़कर मदद को आगे आए सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई, लाखों की कार को एम्बुलेंस में बदला

यूपी के बांदा जिले के दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाइयों ने कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की कमी से मरते लोगों को देख अपनी 40 लाख रुपये कीमत वाली स्कोडा कार को एम्बुलेंस में बदल दिया है. इस कार-एंबुलेंस में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है. अपनी चालीस लाख की स्कोडा गाड़ी को एंबुलेंस में बदलकर दोनों भाई दिन-रात जरूरतमंदों के लिए ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं. बांदा रोड के रहने वाले सेवानिवृत्त अध्यापक रविकांत शुक्ला के बड़े बेटे रोहित शुक्ला ने वर्ष 2010 में दिल्ली से एमबीए किया था. इनके छोटे भाई राहुल ने भी साल 2012 में एमबीए किया था. इसके बाद दोनों भाइयों ने महाराष्ट्र (मुंबई) में गूगल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में एक साथ नौकरी ज्वाइन की. इसके बाद गुरुग्राम में भी दोनों गूगल कंपनी में इसी पद पर सेवा देते रहे.

फरवरी 2021 में दोनों अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर अपने घर बांदा वापस आ गए. इसके बाद इन्होंने कोरोना संक्रमितों की सेवा करने का संकल्प ले लिया. फिर एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर लोगों की मदद में जुट गए. छोटे भाई राहुल शुक्ला ने कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों को मुफ्त में आक्सीजन सेवा देने की मुहिम चलाई है. उनकी टीम में बड़े भाई रोहित शुक्ला, मंजुल मंयक द्विवेदी, शिवम द्विवेदी, पदम चौरिहा आदि शामिल हैं. लोगों की मदद के लिए इन्होंने 40 लाख की गाड़ी को एंबुलेंस का रूप दे दिया है. राहुल रोजाना अपनी गाड़ी से स्वयं खर्च वहन कर खाली ऑक्सीजन सिलिंडर को कबरई में स्थित प्लांट से रिफिलिंग कराने का काम करते हैं. साथ ही मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल सहित अन्य जगहों पर जरूरतमंदों के फोन आने पर उनकी मदद कर रहे हैं. अभी तक वे 300 से ज्यादा सिलेंडरों की रिफिलिंग कराते हुए लोगों की मदद कर चुके हैं. इसके अलावा ये लोग यूपी की सीमा से जुड़े एमपी के सतना , रीवा , मझगवां आदि में भी ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करा रहे हैं.