नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हुई बारिश ने बिहार में परेशानी बढ़ा दी है. गंडक, बागमती व कोसी समेत कई छोटी नदियों में भी उफान है. स्थिति यह है कि गंडक नदी का जलस्तर अब भी तीन लाख क्यूसेक से नीचे नही उतरा है. वाल्मीकि नगर गंडक बराज से तीन लाख क्यूसेक पानी क़ा डिस्चार्ज गंडक नदी में हो रहा है. मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक करीब 12 घंटे में ही तीन लाख क्यूसेक का डिस्चार्ज गंडक में हुआ. दरअसल, नेपाल में लगातार बारिश हो रही है और इस कारण जलस्तर में अब भी गिरावट नहीं दर्ज की गई है.
नेपाल की नारायणी नदी के जलस्तर में कमी नहीं होने से परेशानी और बढ़ती जा रही है. देर रात में वाल्मिकी नगर गंडक बराज में जल स्तर 3.17 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था. बता दें कि बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं. गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद बगहा के पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा पंचायत के भैसाहिया और कांटी टोला गांव में अब पानी प्रवेश कर रहा है. गांव में पानी घुटने के बाद लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. सेमरा-लबेदहा पंचायत गंडक नदी के निचले इलाके में हैं. गंडक नदी के जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार करने के बाद नदी का पानी अब इन इलाकों में घुस रहा है जिससे ग्रामीणों में दहशत है. पंचायत के स्तर से गांव में बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है.
गोपालगंज में भी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. गंडक खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है. तटबंध के अंदर बसे 12 गांवों में पानी घुस गया है और सदर प्रखंड के साथ ही मांझा प्रखंड के कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है. गंडक नदी के तटबंधों पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पतहरा छरकी तटबंध पर पानी का दबाव है. तटबंध को बचाने के लिए बनाए गए कई बेडवार डूब चुके हैं. सदर प्रखंड के मशानथाना छरकी पर भी दबाव है. ग्रामीण तटबंध पर बढ़े दबाव को रोकने की मांग कर रहे हैं.
वाल्मिकी नगर बराज से पानी के लगातार छोड़े जाने के बाद गोपालगंज के आधा दर्जन गांव का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालयों से टूट चुका है. रामनगर प्लस- टू स्कूल समेत 6 प्रखंड के 12 से ज्यादा गांव में पानी फैल चुका है. सड़कों पर कमर भर पानी भरने से वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो चुका है. लोग जान जोखिम में डालकर रोजमर्रा की सामान खरीदने के लिए बाहर निकल रहे हैं. इन इलाकों में नाव का इंतजाम नहीं होने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है.
सीतामढ़ी और शिवहर जिले में भी नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रहे बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं. बागमती नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है. इस कारण शिवहर मोतिहारी स्टेट हाईवे 54 पर बेलवा और देवापुर के बीच कच्ची सड़क पर पानी का तेज बहाव दूसरे दिन भी जारी है. शिवहर मोतिहारी स्टेट हाईवे पर पर आवागमन बंद हो गया है; वहीं नरकटिया गांव की तरफ भी पानी का तेज बहाव होने लगा है.
नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण पूर्णिया के महानंदा, कनकई और परमान नदी का जलस्तर बढ़ गया है. निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. बैसा अंचल के सिरसी, मालोपाड़ा और रायबेर पंचायत के कुछ निचले इलाकों में पानी फैला है. वहीं बायसी के ईदगाह टोला कुम्हरवा गांव में परमान नदी के कारण कटाव भी हो रहा है. लोगों का कहना है कि इसकी सूचना उन्होंने डीएम को भी दी, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हो रहा है. वहीं बैसा के सीओ राजनारायण राजा ने कहा कि अभी तीनों नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन पानी आज स्थिर है. उन्होंने कहा कि बाढ़ नहीं आई है. मगर एक दो जगह से कटाव की सूचना है, इस पर प्रशासन कर रहा है.
अररिया के नेपाल सीमावर्ती सिकटी और पलासी में बकरा और नूना नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से एक बार फिर बाढ़ का भय लोगों को सताने लगा है. नेपाल में बारिश के बाद जिले के बकरा और नूना नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. हालांकि, आपदा विभाग के मुताबिक नुना नदी का पानी अब धीरे-धीरे घटने भी लगा है.