भारत (India) में घुसपैठ करने की कोशिश में जुटे चीन (China) को नेपाल (Nepal) ने करारा झटका दिया है. दरअसल, एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने चीनी कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन टॉप तीन चाइनीज कंस्ट्रक्शन फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अखंडता नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके एवज में एशियाई विकास बैंक द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कई सूत्रों ने जानकारी दी है कि चीनी फर्मों को न केवल ब्लैकलिस्ट किया गया है, बल्कि उनके नेपाल के एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रॉजेक्ट (Nepal Airport Development Project) में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी गई है. एडीबी के भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय (ADB Office) ने चीन समर्थित अलग-अलग तीन कंपनियों- चीन सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी, नॉर्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन ग्रुप और चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी को विभिन्न अपराधों में संलिप्त पाए जाने के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया है.
चार चीनी कंपनियों ने नहीं दाखिल किए दस्तावेज
रिपोर्ट में बताया गया कि लगभग दो दर्जन फर्मों ने नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Tribhuvan International Airport) के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 10 अरब रुपये की बोली के बाद दस्तावेज खरीदे थे. लेकिन केवल चार ही चीनी कंपनियों ने अपने दस्तावेज दाखिल किए. नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक शीर्ष अधिकारी ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि चार कंपनियों में से दो को मनिला बेस्ड बहुपक्षीय फंडिंग एजेंसी ने ब्लैक लिस्ट किया है, जिनमें चाइना सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी और चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी शामिल हैं.
चीन सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी (China CMC Engineering Company), जो वर्तमान में पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है, को अप्रैल 2022 तक एडीबी की प्रतिबंध सूची में रखा गया है. फर्म को पाकिस्तान (Pakistan) में एडीबी द्वारा वित्त पोषित परियोजना में ब्लैकलिस्ट किया गया है. चीन सीएमसी इंजीनियरिंग ने मई 2014 में पोखरा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्ट जीता था और जुलाई 2017 में इस पर काम शुरू हुआ था. सरकार ने इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण पर बने एयरपोर्ट की फंडिंग के लिए मार्च 2016 में चीन एक्जिम बैंक (China EXIM Bank) के साथ 215.96 मिलियन डॉलर के सॉफ्ट लोन समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.