नीति आयोग ने सोमवार को हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है जिसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के मामले केरल पहले नंबर पर है। इस सूची में उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे फिसड्डी रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आई इस रिपोर्ट से सरकार की किरकिरी हो रही है। हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी कर फंसे नीति आयोग की अब सफाई दिया है। नीति आयोग के सचिव ने ने कहा कि हेल्थ इंडेक्स में यूपी भले ही सबसे नीचे आया हो लेकिन उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे और आबादी को देखना होगा। अब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने उत्तर प्रदेश को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जैसा काम यूपी में हुआ है वैसा काम किसी दूसरे राज्य में नहीं हुआ है। नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट में केरल को सबसे ज्यादा 82.20 स्कोर मिला है और वो पहले नंबर पर है। इस इंडेक्स में सबसे कम 30.57 स्कोर उत्तर प्रदेश का रहा है।
हेल्थ इंडेक्स की रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाये जाने लगे। देर शाम नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत सामने आए और उन्होंने यूपी की तारीफ की। अमिताभ कांत ने कहा कि बड़े राज्य, छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की अलग-अलग रैंकिंग होती है। जो बड़े राज्य हैं, उनमें सबसे ज्यादा इम्प्रूवमेंट और अच्छा काम उत्तर प्रदेश में हुआ है। उत्तर प्रदेश ने जनसंख्या के अनुपात में अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश काफी नीचे था और उसने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ काफी छलांग लगाई है। डेल्टा जिसको हम इम्प्रूव्ड रैंकिंग कहते हैं उसमें यूपी नंबर 1 पर है.। असम नंबर 2 पर और तेलंगाना नंबर 3 पर है।
उन्होंने कहा कि जब हम नवजात मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, जन्म के समय सेक्स अनुपात, मेडिकल कॉलेज ओपनिंग या गवर्नेंस के मुद्दे देखें तो इसमें यूपी का परफॉर्मेंस पिछले एक-दो साल में बहुत अच्छा रहा है। अमिताभ कांत ने कहा कि 2017 के बाद यूपी के हेल्थ सेक्टर में काफी इम्प्रूवमेंट रहा है। खासकर नए मेडिकल कॉलेज ओपनिंग में. 42 से बढ़कर 65 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। अमिताभ कांत ने कहा कि जो सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी ली है, वो यूपी ने ली है। उसके बाद असम और फिर तेलंगाना है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में अच्छी पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश को बधाई देना चाहूंगा क्योंकि हम लोग इम्प्रूवमेंट देखते हैं और वही देखना चाहिए हमेशा।