हिन्दू धर्म में नारियल का काफी महत्व होता है। करीब सभी देवी-देवताओं (God-Goddess) को नारियल अर्पित किया जाता है। ऐसा भी कह सकता हैं कि कोई भी पूजा और मांगलिक कार्य बिना नारियल (Nariyal) के पूरा ही नहीं माना जाता है इसलिए इसे श्रीफल (Shrifal) भी कहा गया है। धर्म-पुराणों के अनुसार नारियल को पवित्र फल माना गया है क्योंकि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। कहा जाता है कि भगवान को नारियल (Coconut) चढ़ाने से भक्त के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
शुभ मौके पर नारियल अर्पित करने का कारण
हर शुभ मौके पर नारियल फोड़ा भी जाता है। प्रसाद में नारियल का इस्तेमाल प्रमुखता से होता है। साथ ही कई दिनों तक चलने वाले व्रत का संकल्प भी भगवान को नारियल अर्पित करके ही लिया जाता है। वहीं पूजा में नारियल फोड़ने का अर्थ है कि व्यक्ति ने भगवान के चरणों में खुद को अर्पित कर दिया है। पुराने वक्त में दी जाने वाली बलि की परंपरा को तोड़ने के लिए भी उसके स्थान पर नारियल चढ़ाने की परंपरा शुरू की गई।
शुभ होता है नारियल का पेड़
नारियल के पेड़ को धर्म और ज्योतिष दोनों में बेहद शुभ माना जाता है। घर में नारियल का पेड़ (Coconut Tree) होना कई तरह के वास्तु दोषों का नाश करता है। वहीं नारियल के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) खुश होते हैं। कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए भी नारियल के पेड़ की पूजा करने के लिए कहा जाता है।
कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब पृथ्वी पर अवतार लिया था तब वे अपने साथ माता लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु साथ लाए थे। नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष (Kalpavriksha) भी कहते हैं। इसके साथ ही इसे देवी लक्ष्मी का रूप भी माना गया है। जिस घर में नारियल का पेड़ होता है, वहां हमेशा धन-समृद्धि रहती है।