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नाम-निशान पर लगाई रोक तो EC पर बरसे सिब्बल- उद्धव की शिवसेना के हैं धनुष और बाण

सीनियर एडवोकेट और सपा से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एकबार फिर इलेक्शन कमीशन को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव आयोग पर्दे के पीछे से सरकार के अधीन है. इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने शिवसेना का सिंबल फ्रीज करने वाले फैसले पर भी आपत्ति जताई. सिब्बल ने कहा कि ‘धनुष और बाण’ उद्धव के नेतृत्व वाली असली शिवसेना का है. वो उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कोर्ट में वकील भी हैं. जैसे ही सिब्बल के ये ट्वीट आए लोगों ने उनको घेरना भी शुरू कर दिया. यूजर्स ने कमेंट किया कि आप लोग इन संस्थाओं पर तो कुछ मत बोलिए. यूपीए शासन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पिंजड़े में बंद तोतो करार दिया था.

सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग परदे के पीछे सरकार के अधीन है और सामने से इसे इलेक्शन कमीशन कहते हैं. सरकार की बोली लगाने वाली संस्थाओं पर धिक्कार है. एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि आयोग ने शिवसेना का सिंबल फ्रीज कर दिया. इससे लोकतंत्र भी ‘फ्रीज’ हो गया. धनुष और बाण उद्धव के नेतृत्व वाली असली शिवसेना का है. शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनों शिवसेना पर अपना दावा कर रहे हैं. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जहां उद्धव की ओर से सिब्बल ही अपनी दलीलें रख रहे हैं.

कपिल सिब्बल चुनाव आयोग ने खासे नाराज चल रहे हैं. दरअसल, वो सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की ओर से वकील हैं. शिंदे गुट और शिवसेना गुट में सिंबल के लिए लड़ाई चल रही है, जिसे चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया है.चुनाव आयोग ने कुछ ही दिन पहले फ्रीबीज यानी राजनीतिक दलों की तरफ से ‘मुफ्त की रेवड़ियों’ को लेकर आयोग ने सभी दलों को लेटर लिखा है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट भी इस मामले में कई बार अहम टिप्पणियां कर चुका है. अब आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को वादे के साथ ये भी बताना होगा कि वो उस वादे को कैसे पूरा करेंगे और इसके लिए पैसा कहां से आएगा. ईसी के इस लेटर के बाद राजनीतिक पार्टियां काफी नाराज हो रही हैं