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नागालैंड बना देश का पहला राज्य, जहां E-Vidhan से पेपरलेस हुई विधानसभा

नागालैंड (Nagaland) देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां विधानसभा सत्र को पेपरलेस तरीके से संचालित करने के लिए नैशनल ई-विधान एप्लिकेशन (National e-Vidhan Application – NeVA) को कार्यान्वित किया गया है। इसके लिए 60 सदस्यीय विधानसभा में हर विधायक की टेबल पर एक टेबलेट (tablet) या ई-बुक (E-book) लगाई गई है, जहां NeVA ऐप के माध्यम से वह सदन की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेज आदि देख सकते हैं. नागालैंड का बजट सत्र शनिवार से शुरू हुआ है।

नागालैंड विधानसभा के स्पीकर शेयरिंगैन लोंगकुमर (Sharingain Longkumer) ने सदन में लागू किए गए नए सिस्टम के बारे में बताते हुए कहा कि विधानसभा के कामकाज को पेपरलेस बनाने के लिए आज एक बड़ा कदम उठाया गया है. NeVA ऐप के इस्तेमाल से विधायकों को कागजी दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी. वो अपने टेबलेट पर आवश्यक कागजात इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तुरंत देख सकेंगे. सदन के कामकाज का रिकॉर्ड रखने के लिए भी कागजों की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्पीकर ने कहा कि कई और राज्यों की विधानसभाओं को पेपरलेस बनाने पर तेजी से काम चल रहा है।

पेपरलेस विधानसभा या ई-असेंबली के इस कॉन्सेप्ट को संसदीय कार्य मंत्रालय की देखरेख में लागू किया जा रहा है. बता दें कि नागालैंड के अलावा बिहार, पंजाब, ओडिशा, मेघालय, मणिपुर, गुजरात, अरुणाचल, पुडुचेरी व त्रिपुरा विधानसभा में नेशनल ई-विधान सिस्टम को लागू करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. नागालैंड के साथ-साथ बिहार, पंजाब, ओडिशा विधानसभा को भी यह सिस्टम आवंटित कर दिया गया है।

ई-विधान सिस्टम का मकसद देश की सभी विधानसभाओं को एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर लाना है. एक बार सभी विधानसभाओं में ये सिस्टम काम करने लगे, उसके बाद संसद और सभी विधान परिषदों में भी इसे लागू किया जाएगा. विधानसभाओं में ई-विधान सिस्टम लगाने के लिए 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठा रही है।

नागालैंड से पहले हिमाचल विधानसभा पेपरलेस हो चुकी है. लेकिन वहां NeVA एप्लिकेशन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. 2014 से ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के कामकाज में कागजों का इस्तेमाल सीमित कर दिया गया है. झारखंड विधानसभा को भी 2019 में डिजिटल बना दिया गया था. दिल्ली विधानसभा भी इसी साल पेपरलेस होने की उम्मीद है. इसके बाद विधानसभा में बिल आदि डिजिटली ही पेश होंगे. विधायक डिजिटली ही अपने सवाल सामने रख सकेंगे, उनका जवाब भी उन्हें ऑनलाइन मिलेगा।