एक तरफ देश में जनसंख्या नियंत्रण की बात हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ नए साल के मौके पर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे भारत में पैदा हुए हैं. भारत में नए साल के मौके पर पूरी दुनिया में सबसे अधिक 60,000 बच्चों ने जन्म लिया. यह किसी भी अन्य देश की तुलना में बहुत ज्यादा है. हालांकि, जन्म की संख्या 2020 की तुलना में 7,390 कम है. यूनिसेफ के अनुमानों के अनुसार, भारत में इस साल 1 जनवरी को चीन में जन्मे 35615 के मुकाबले कई गुणा ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया. बच्चों के जन्म के मामले में चीन इस बार दूसरे पायदान पर रहा. यूनिसेफ का अनुमान है कि, 1 जनवरी 2021 को दुनिया भर में 3,71,504 से अधिक शिशुओं ने जन्म लिया. इनमें से 52 प्रतिशत जन्म सिर्फ 10 देशों में हुए हैं. “विश्व स्तर पर, इनमें से आधे से अधिक जन्म 10 देशों में होने का अनुमान है.
भारत में 59,995, चीन में 35,615, नाइजीरिया में 21,439, पाकिस्तान में 14,161, इंडोनेशिया में 12,336, इथियोपिया में 12,006, अमेरिका में 10,312, मिस्र में 9,455, बांग्लादेश में (9,236) और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 8,640 बच्चों का जन्म हुआ. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में अनुमानित 140 मिलियन बच्चे पैदा होंगे और उनकी औसत उम्र 84 साल होने की उम्मीद है. यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, “आज जन्म लेने वाले बच्चे एक साल पहले की तुलना में दुनिया में बहुत दूर तक जाएंगे और एक नया साल फिर से नया अवसर लाता है.”
उन्होंने कहा, ”आज जन्म लेने वाले बच्चे दुनिया को विरासत में देंगे जो हम उनके लिए बनाना शुरू करते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि आइए हम बच्चों के लिए एक निष्पक्ष, सुरक्षित, स्वस्थ दुनिया बनाने के लिए 2021 का साल शुरू करें.” रिपोर्टों के अनुसार, भारत में 2021 में जन्म लेने वाले शिशुओं की औसत उम्र 80.9 वर्ष होगी. विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) की स्थापना में सरकार के हस्तक्षेप से भारत में हर दिन अतिरिक्त 1,000 शिशुओं को जीवित रखने में मदद मिली है. 2014 से 2020 के बीच सरकार द्वारा लगभग 320 जिला स्तर के एसएनसीयू स्थापित किए गए हैं.